आरटीआइ के सवालों को 'डकार' रहे अफसर
मुरादाबाद आम आदमी को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराना आवास-विकास परिषद की जिम्मेदार
मुरादाबाद
आम आदमी को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराना आवास-विकास परिषद की जिम्मेदारी है। मुरादाबाद के साथ ही मंडलीय जनपदों में आवास-विकास परिषद से एक दर्जन आवासीय योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। दिल्ली रोड में आवास-विकास परिषद ने कॉलोनियों को बसाया है। इसमें अभी भी मझोला विस्तार योजना के साथ ही बहुमंजिला आवास बनाने का काम आवास-विकास परिषद कर रहा है। मझोला विस्तार योजना 2015 के लिए आवास-विकास परिषद को 254 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना है। इसमें डिडौरी, शाहपुर तिगरी और लाकड़ी फाजिलपुर में अवैध कब्जों और विवादों के चलते आवास विकास परिषद के अफसर अपनी जमीन का अधिग्रहण नहीं कर पाए हैं। अफसरों ने कई बार जमीन अधिग्रहण करने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए। स्थानीय स्तर पर विरोध के चलते आवास-विकास परिषद के अफसर विस्तार योजना को विकसित करने में नाकाम हो रहे हैं। जमीन अधिग्रहण को लेकर जब आवास-विकास परिषद के अफसरों से आरटीआइ के माध्यम से सवाल पूछा गया तो,अफसरों ने सूचना की जगह शून्य लिखकर भेज दिया। अफसरों के पास अपनी जमीन को लेकर ही पर्याप्त जानकारी नहीं उपलब्ध है। जब फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो सभी अफसर एक-दूसरे खंड अधिकारी पर मामले को टालकर सवालों का जवाब देने से बचते रहे। जवाब देने की जगह टाल-मटोल का रवैया अपनाया
-बीते माह सात फरवरी 2018 को आरटीआइ के माध्यम से आवास-विकास परिषद के अफसरों से कई सवाल पूछे गए थे। अफसरों ने केवल अपनी संचालित योजनाओं की जानकारी देने के अलावा अन्य सवालों का जवाब देने की जगह टाल-मटोल का रवैया अपनाया है।
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पार्क सुंदरीकरण का नहीं बताया खर्च
-आवास-विकास परिषद के अफसरों से जब पार्को के सुंदरीकरण और रखरखाव के संबंध में सवाल किया तो अफसरों ने कहा कि इसकी संकलित सूचना कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। वहीं संकलित सूचना की जानकारी के लिए अलग-अलग खंड में आरटीआइ आवेदक को खर्च का ब्योरा देखने के लिए न्योता दे डाला। आरटीआइ के सवालों के प्रति अफसरों की गंभीरता कितनी है, इस बात का जवाब भेजे गए जवाब में ही मिल जाता है। वहीं फोन पर जब अफसरों से सवाल किए गए तो सभी ने एक सुर में फाइल देखने के बाद उचित जवाब देने की बात कहकर बचते रहे।
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आवासीय कॉलोनी के पार्को में कब्जे
-आवास-विकास परिषद के अफसर आवासीय कॉलोनियों में विकसित किये गए पार्को का कोई भी रखरखाव नहीं करते हैं। इसके चलते ज्यादातर पार्को पर भूमाफिया ने कब्जे कर लिए हैं। वहीं शिकायत के बाद भी शांत बैठे रहते हैं। बुद्धि विहार कॉलोनी के ज्यादातर पार्को में अवैध कब्जे हैं। किसी ने पार्को में पार्किंग तो किसी ने गैरेज बनाकर खड़ा कर दिया है। अफसरों ने आज तक अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।
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ऐसे हुआ जमीन का अधिग्रहण
योजना साल जमीन
बुद्धि विहार 1986 136 एकड़
मझोला योजना 2005 446 एकड़
मझोला विस्तार 2015 254 एकड़
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बोले अफसर--
मझोला विस्तार योजना में अभी तक कितनी जमीन का अधिग्रहण हुआ है। यह फाइल देखकर ही पता चल सकता है। कुछ विवाद होने की जानकारी है,लेकिन विवाद के कारण क्या हैं, यह जानकारी नहीं है।
-शोभित कुमार पाठक,संपत्ति अधिकारी,खंड-26।
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जमीन अधिग्रहण के संबंध में मेरे पास कोई विस्तृत सूचना नहीं है। इस संबंध में संपत्ति अधिकारी के पास ही जानकारी हो सकती है। यह मामला मेरे खंड से संबंधित नहीं है।
-आरबी यादव,अधीक्षण अभियंता, आवास-विकास परिषद।