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प्रमुख सच‍िव के पत्र ने बढ़ाई यूपी के बड़े अधिकार‍ियों की टेंशन, ल‍िखा-आप सरकार नहीं हैं, अधिकार क्षेत्र में न करें अतिक्रमण

स्थानांतरण होकर पहुंचे कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है वहीं बिना शासन की अनुमति के कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के द्वारा ऐसा किया जा रहा है यह अनुशासनहीनता हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 07:25 AM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 07:25 AM (IST)
नियमों के अनुसार सभी को कार्य करना पड़ेगा।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में बीते कुछ माह से लगातार कार्रवाई हो रही है। ऐसे में एक अवर अभियंता का स्थानांतरण उपाध्यक्ष ने लखनऊ मुख्यालय से करते हुए कार्यमुक्त कर दिया। इस आदेश की कापी लेकर जब अवर अभियंता प्रमुख सचिव दीपक कुमार के सामने पेश हुए तो वह आदेश देखकर हैरान हो गए। उन्होंने इस मामले में उपाध्यक्ष एमडीए को पत्र जारी किया। इसमें उन्होंने उनके अधिकारों की जानकारी देते हुए इस फैसले पर खेद जताया। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि अवर अभियंता के स्थानांतरण सरकार और शासन के निहित है। ऐसे में शासन या सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण न करें। प्रमुख सचिव ने अवर अभियंता को वापस एमडीए में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश जारी करने के साथ ही सूबे के सभी प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पत्र जारी करते हुए हिदायत दी कि नियमों का उल्लंघन किसी भी स्तर से नहीं होना चाहिए।

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एमडीए में अवर अभियंता के पद पर राजन सिंह कार्यरत हैं। उनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। जिसके बाद उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने 23 अक्टूबर 2021 को आवास-विकास विभाग से संबद्ध करते हुए कार्यमुक्त कर दिया था। उपाध्यक्ष के इस आदेश को लेकर अवर अभियंता प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार के कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने जब इस आदेश को देखा तो वह हैरान रह गए। दरअसल नियम के अनुसार अवर अभियंताओं का स्थानांतरण शासन स्तर से किया जाता है। लेकिन, उपाध्यक्ष ने इस मामले में नियम के विपरीत एकतरफा शासन के अधिकारों पर हस्ताक्षेप करते हुए संबद्धीकरण के साथ कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। जो क‍ि गलत था। प्रमुख सचिव ने एमडीए उपाध्यक्ष को भेजे पत्र में इस फैसले को खेदजनक बताया है। उन्होंने कहा कि बिना शासन की अनुमति के ऐसा आदेश नहीं करना चाहिए। वहीं उन्होंने अवर अभियंता के संबद्धीकरण और कार्यमुक्त के आदेश को निरस्त करते हुए तत्काल एमडीए में कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश जारी किए हैं। वहीं अपने जारी किए गए पत्र में प्रमुख सचिव ने अफसरों को आगाह करते हुए हिदायत भी दी है कि आप शासन या सरकार नहीं हैं। नियमों के अनुसार सभी को कार्य करना पड़ेगा।

शासन के आदेश के दरकिनार करना अनुशासनहीनता : एमडीए उपाध्यक्ष के इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव ने पूरे प्रदेश के प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पत्र जारी किया। इसमें प्रमुख सचिव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए लिखा है क‍ि प्राधिकरण के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष लगातार शासन के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। स्थानांतरण होकर पहुंचे कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है, वहीं बिना शासन की अनुमति के कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के द्वारा ऐसा किया जा रहा है, यह अनुशासनहीनता हैं। वहीं ऐसे मामलों का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं बचता है। प्रमुख सचिव के इस पत्र के बाद प्राधिकरण का कार्यभार संभाल रहे अफसर सकते में आ गए हैं। गौरतलब है कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में कई अवर अभियंता और कर्मचारियों को शासन की अनुमति के बिना ही दूसरे विभागों से संबद्ध करते हुए कार्यमुक्त कर दिया गया है।

मंदिर में ताला लगाने का विवाद भी शासन तक पहुंचा था : करीब एक माह पूर्व भी मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने जब नया मुरादाबाद के दो मंदिरों में ताला लगा दिया था, उस दौरान भी इस कार्रवाई के विरोध में स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था। मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद 24 घंटे में एमडीए अधिकारियों को दोनों मंदिरों के ताले खोलने पर विवश होना पड़ा था। उस दौरान एमडीए के अधिकारियों ने सफाई दी थी कि लोगों को स्वच्छता का अहसास कराने के लिए मंदिर में ताले लगाए गए थे।


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