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आजम और अब्दुल्ला की अग्रिम जमानत अर्जी पर नहीं हो सकी सुनवाई Moradabad news

सांसद आजम खां पर लोकसभा चुनाव के बाद से अब 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। इनमें लगभग तीस मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:10 PM (IST)
आजम और अब्दुल्ला की अग्रिम जमानत अर्जी पर नहीं हो सकी सुनवाई Moradabad news
आजम और अब्दुल्ला की अग्रिम जमानत अर्जी पर नहीं हो सकी सुनवाई Moradabad news

रामपुर, जेएनएन। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सांसद आजम खां और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला की चार मामलों में अग्रिम जमानत अर्जियों पर मंगलवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। इन सभी मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में होनी है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार सिंह सैनी ने बताया कि कोर्ट अब 19 फरवरी को सुनवाई करेगी। इनमें एक मामला अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र का है। 

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भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं। एक प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से और दूसरा लखनऊ के अस्पताल से जारी किया गया। इस मामले में पुलिस ने सांसद समेत उनकी पत्नी विधायक तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। कोर्ट में पेश न होने पर तीनों के वारंट, गैर जमानती वारंट और कुर्की के नोटिस जारी हो चुके हैं। पुलिस उनके मुहल्ले में मुनादी भी करा चुकी है।

दूसरा मामला आजम खां के खिलाफ शत्रु संपत्ति कब्जाकर जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने का है, जिसका मुकदमा अजीमनगर थाने में दर्ज हुआ था। मुकदमे में आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी में 13.842 हेक्टेअर शत्रु संपत्ति है। इस मुकदमे में सांसद के अलावा उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम समेत नौ लोग नामजद हैं। सांसद आजम खां ने इस मुकदमे में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई है, जिस पर सुनवाई होनी है। 

तीसरा मामला अब्दुल्ला के पासपोर्ट से जुड़ा है। अब्दुल्ला के खिलाफ जुलाई 2019 में सिविल लाइंस कोतवाली में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुकदमा कराया था। आरोप है कि अब्दुल्ला की ओर से असत्य व कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया गया है और उपयोग में लाया जा रहा है। पासपोर्ट संख्या जेड 4307442 दिनांक 10 जनवरी 2018 को जारी हुआ है। इसमें अब्दुल्ला की जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्शायी गई है, जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में पहली जनवरी 1993 है। पासपोर्ट का प्रयोग आर्थिक लाभ हेतु व्यापार एवं व्यवसाय संबंधी विदेश यात्राओं तथा विभिन्न संस्थाओं में पहचान पत्र आइडी के रूप में विभिन्न पदोंं के आवेदन में किया गया है। 

चौथा मामला अब्दुल्ला के पैन कार्ड से जुड़ा है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में अब्दुल्ला के खिलाफ दो पैन कार्ड रखने का मुकदमा कराया था। आरोप है कि अब्दुल्ला आजम के एक पैन कार्ड में जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 अंकित है। यही जन्मतिथि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में भी है। इस पैन कार्ड का इस्तेमाल उन्होंने स्टेट बैंक के खाते में भी किया है। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर अब्दुल्ला ने स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। पहले जारी पैन कार्ड में अंकित जन्मतिथि के मुताबिक उनकी आयु चुनाव लडऩे की नहीं थी। इस पर उन्होंने दूसरा पैन कार्ड बनवाया। अब अदालत मामले की अगली सुनवाई आज यानी 19 फरवरी को करेगी।


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