5-जी टैलेंट मैनेजमेंटः चश्मा पढ़ लेगा सामने वाले की मन की बात
सामने वाला आपके बारे में क्या सोच रहा है यह जान पाना मुश्किल होता है। कई बार सामने से मीठा बोलने वाला व्यक्ति पीछे छुरा भोंक सकता है। अब ऐसा नहीं होगा।
By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 09:35 PM (IST)
v>मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। सामने वाला व्यक्ति आपके बारे में क्या सोच रहा है यह जान पाना बड़ा मुश्किल होता है। यही कारण है कि कई बार सामने से मीठा बोलने वाला व्यक्ति पीछे से छुरा भोंक कर चला जाता है। अर्थात धोखा दे देता है। ऐसी घटना के बाद आदमी कल्पना करता है कि काश कुछ ऐसा हो, जिससे सामने वाले की मन की बात को पढ़ा जा सके। इसी कल्पना को साकार करने में आधुनिक संचार माध्यम के विशेषज्ञ लगे हुए हैं। इन्होंने शोध करके आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्लेटफार्म के तहत टैलेंट मैनेजमेंट तैयार किया। इसके तहत चश्मा बनाया गया है, जिस परीक्षण चल रहा है। इस चश्मे में एक उपकरण लगा होगा, जो सामने वाले की मन की बात पढ़कर आप तक पहुंचाएगा।
आठ से 12 जनवरी तक बनारस में बीएचयू में हुए बीएसएनएल के एक सेमीनार में सिंगापुर, फ्रांस और अन्य देश से आए चार विदेशी विशेषज्ञों ने इसकी जानकारी दी। इसमें देश से बीएसएनएल के 36 तकनीकी अधिकारी शामिल हुए थे, जिनमें एक मुरादाबाद से सहायक महाप्रबंधक एपी गुप्ता भी थे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आधुनिक संचार माध्यम किस प्रकार का होगा, इसको लेकर सेमीनार में चर्चा हुई।
सूक्ष्म तरंगों को पढऩे की हो रही व्यवस्था
सहायक महाप्रबंधक एपी गुप्ता के मुताबिक सेमीनार में चर्चा हुई कि विश्वभर में फाइव जी व सिक्स जी सेवा शुरू की जानी है। दोनों सेवाओं में गति के अलावा अन्य विशेषता होगी। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्लेटफार्म के तहत टैलेंट मैनेजमेंट तैयार किया गया है। इसके जरिये सूक्ष्म से सूक्ष्म तरंगों को पढ़ा जा सकेगा। साथ ही दूसरे स्थान पर भेजा भी जा सकेगा। सामने वाला व्यक्ति क्या सोच रहा है? या भेजने वाला क्या सोच रहा है? इसकी जानकारी मिल सकेगी। संचार माध्यम से यह कैसे संभव हो सकता है? इस पर बताया कि इसके लिए चश्मा का तैयार किया गया है। चश्मे में सूक्ष्म आधुनिक उपकरण लगाया गया है। चश्मा पहनने वाला व्यक्ति संचार की तरंग के जरिये सामने बैठा व्यक्ति क्या सोच रहा है, इसकी भी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
नेट की गति के नहीं होंगे कोई मायने
थ्री जी के जरिये दस मेगा बाइट प्रति सेकेंड और फोर जी में 50 मेगाबाइट प्रति सेकेंड की गति से डाटा भेजा जा रहा है। ब्राड बैंड के जरिये सौ मेगा बाइट प्रति सेकेंड की गति से डाटा भेजने की सुविधा है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले समय में गति के बजाय आधुनिक संचार सुविधा की प्रतिस्पर्द्धा शुरू होगी।
फाइव जी व सिक्स जी की जानकारी
सहायक महाप्रबंधक बीएसएनएल मुरादाबाद एपी गुप्ता बताया कि सेमिनार में फाइव जी व सिक्स जी के बारे में जानकारी देने देश विदेश से विशेषज्ञ आए थे। इसमें मन की बात की जानकारी प्राप्त करने जैसे आधुनिक संचार माध्यम की जानकारी दी गई। सुविधा देने के पहले नियम भी बनाए जाएंगे।
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