चार लाख रुपये हड़पने के लिए कर्मचारियों ने रची साजिश, पोल खुली तो पुलिस भी रह गई दंग Moradabad
रुपये हड़पने के लिए कर्मचारियों ने लूट की साजिश रच डाली। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने सच्चाई बता दी।
मुरादाबाद, जेएनएन। अगर आप भी बिजनेसमैन हैं और अपने कर्मचारियों पर पूरा भरोसा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। मंडल के सम्भल जिले में एक कारोबारी के साथ जो हुआ वह आपको भी विचलित कर देगा। दरअसल जिले के बिलारी में सम्भल की एक फर्म के चार लाख रुपये हड़पने के लिए दो कर्मचारियों ने लूट की साजिश रच डाली। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने दोनों आरोपितों को पकड़ लिया। इसके बाद उनकी निशानदेही पर मुरादाबाद में उनके एक परिचित के यहां से रखी गई रकम भी बरामद कर ली। इस मामले में फर्म मालिक ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
यह है पूरा मामला
सम्भल के मुहल्ला कोट पूर्वी निवासी अंकित अग्रवाल का सबमर्सिबल पंप और मोटर आदि का करोबार है। वह मुरादाबाद, सम्भ्ल बदायूं आदि जिलों के वितरकों को अपने यहां से माल सप्लाई करते हैं। उनके यहां कर्मचारी भी काम करते हैं। सम्भल के शहजादी सराय निवासी ङ्क्षरकू और संजय भी इनके यहां काम करते हैं। गुरुवार को दोनों बदायूं के कारोबारी लकी से चार लाख रुपये का भुगतान लेने गए थे। वहां से दोनों रुपये लेकर प्राइवेट वाहन से लौट रहे थे। रास्ते में दोनों की नीयत में खोट आ गया। इस पर दोनों ने रुपये हड़पने के लिए लूट की साजिश रच डाली। योजना बनाकर पहले वे सम्भल जाने के बजाय मुरादाबाद गए। वहां कपूर कंपनी के निकट अपने परिचित राजीव के घर पर रुपये से भरा थैला रख दिया। पूछने पर बताया कि ये फर्म के रुपये हैं, रात हो गई है, अनहोनी की आशंका है, बाद में ले लेंगे।
पेट्रोल पंप कर्मियों से कराया फोन
दोनों बिलारी थानाक्षेत्र के अमरपुरकाशी गांव के निकट हाईवे किनारे आरीखेड़ा गांव के पेट्रोल पंप पर पहुंचे। रात में 11 बजे उन्होंने पंप के कर्मचारियों को बताया कि कुछ बदमाशों ने उन्हें बंधक बनाकर उनके चार लाख रुपये लूट लिया। मोबाइल भी छीन लिया। किसी तरह वे छूटकर पंप पर पहुंचे हैं। दोनों ने पंप कर्मचारियों से मोबाइल मांग कर पुलिस को फोन किया और लूट की जानकारी दी। इस पर पुलिस में हड़कंप मच गया।
मौके पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी
कोतवाली प्रभारी गजेंद्र त्यागी, अमरपुरकाशी चौकी प्रभारी उमेश चंद्र यादव फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद आरोपितों को मुरादाबाद ले जाकर रुपये बरामद कराए।
इस तरह सामने आई सच्चाई
प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को भी लगा कि वे सही बोल रहे हैं लेकिन, जैसे-जैसे पुलिस घटनास्थल आदि के बारे में जानकारी करने लगी तो वे सकपका गए। इस पर पुलिस को दोनों पर संदेह हो गया। बाद में पुलिस ने दोनों को अलग-अलग ले जाकर वारदात के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान घटनास्थल, लूट की रकम, बदमाशों के हुलिए आदि के संबंध में दोनों ने अलग-अलग जानकारी दी। लिहाजा पुलिस को समझने में देर नहीं लगी कि माजरा क्या है।