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आतंक का साया : अब मध्य क्षेत्र को ठिकाना बना रहे आतंकी

लखनऊ व कानपुर समेत आठ जनपद ऐसे हैं, जहां पर खुफिया एजेंसियों को आतंकियों के पनाह लिए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं।

By RashidEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 02:39 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 08:10 AM (IST)
आतंक का साया : अब मध्य क्षेत्र को ठिकाना बना रहे आतंकी
आतंक का साया : अब मध्य क्षेत्र को ठिकाना बना रहे आतंकी

मुरादाबाद। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पैर जमा चुके आतंकी संगठन यहां शिकंजा कसता देख ठिकाना बदल रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के मध्य क्षेत्र में शरण लेना शुरू कर दिया है। लखनऊ व कानपुर समेत आठ जनपद ऐसे हैं, जहां पर खुफिया एजेंसियों को आतंकियों के पनाह लिए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। इन जिलों को एजेंसियों ने अपनी हिट लिस्ट में शामिल कर लिया है।

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अब महफूज नहीं आतंकी

देश की राजधानी दिल्ली के करीब प्रदेश के जिलों में अपनी पैठ बना चुके आतंकी संगठन अब यहां महफूज नहीं हैं। खुफिया एजेंसियां क्योंकि जिस प्रकार से उनके नेटवर्क को ध्वस्त कर रही हैं, उससे खौफजदा आतंकी अब अपना ठिकाना बदल रहे हैं। बीते पांच साल में खुफिया एजेंसियों ने पश्चिमी यूपी के अमरोहा, मुरादाबाद, सम्भल, बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर समेत कई जिलों में कार्रवाई करते हुए आतंकियों के मंसूबों को फेल किया है। साफ जाहिर है कि आतंकी यहां से ठिकाना बदल रहे हैं।

एनआइए को मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिमी यूपी के स्लीपर मॉड्यूल अब प्रदेश के मध्य क्षेत्र के जिलों में ठिकाना बना रहे हैं। पश्चिमी यूपी में शिकंजा कसने पर आतंकी कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, फतेहपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद व रायबरेली जनपदों में पैठ बनाने की कोशिश में हैं। इसके चलते अब मध्य क्षेत्र के जिलों को हिट लिस्ट में शामिल किया गया है। उन पर पैनी नजर रखी जा रही है। खुफिया एजेंसियां इन जिलों की निगरानी कर रही हैं।

मंडल के धार्मिक स्थलों और नेताओं पर हमले का खतरा

अमरोहा जिले में आतंकी नेटवर्क के पर्दाफाश होने के बाद नया खतरा मडऱा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने मंडल के कुछ धार्मिक स्थलों व नेताओं पर आतंकी हमले का खतरा जताया है। एजेंसियों ने स्थानीय प्रशासन को भविष्य में किसी अनहोनी को रोकने के संबंध में सुरक्षा बरतने संबंधी दिशा-निर्देश दिए हैं। दो साल पहले दिल्ली में लश्कर के आतंकी पकड़े जाने पर पश्चिमी यूपी के धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश का पर्दाफाश हुआ था। इन स्थलों में नौगावां सादात का एक इमामबाड़ा, मेरठ के सरधना का चर्च व ब्रजघाट स्थित मंदिर का जिक्र भी किया गया था। अब जिले में आइएस के मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद फिर से यही संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक पकड़े संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर मुरादाबाद मंडल के कई धार्मिक स्थल व नेता थे। पूछताछ के दौरान खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है। मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर व सम्भल के धार्मिक स्थल व नेताओं पर आतंकी हमले की साजिश रचे जाने की जानकारी मिलने पर खुफिया तंत्र के होश उड़ गए हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले के प्रशासन को अवगत कराया है, हालांकि धार्मिक स्थलों व नेताओं के नाम की जानकारी नहीं मिल सकी है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने को कहा गया है। पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां अपना काम करती, उनका मिशन गोपनीय रहता है। जो भी इनपुट या निर्देश मिलता है, उस पर काम होता है।

बेकसूर मुसलमानों को फंसा रही एनआइए : अल्वी

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर एनआइए आतंकवाद के नाम पर बेकसूर मुसलमानों को फंसा रही है। यूपी व दिल्ली में हुई छापामारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चुनाव से पहले भाजपा के इशारे पर यह काम किया जा रहा है। उन्होंने गिरफ्तार आरोपितों के परिजनों से मुलाकात कर इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ ङ्क्षसह ने वार्ता करने का आश्वासन दिया। यहां मुहल्ला काजीजादा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डा.सिराजुद्दीन हाशमी के आवास पर राशिद अल्वी ने मीडिया से बातचीत में एनआइए और एटीएस की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया। आरोप लगाया कि बरामद सामान एनआइए अधिकारी खुद साथ में लाए थे। अदालत में सच सामने आ जाएगा। देश को कानून पर पूरा भरोसा है। यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए देश की सुरक्षा एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। गिरफ्तार युवकों के परिजनों से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया कि हर स्तर पर पूरी मदद होगी, घबराने की जरूरत नहीं है। आम चुनाव में तीन महीने बचे हैं। तीन राज्यों के परिणाम से भाजपा को अपनी हार दिखाई दे रही है। इसी बौखलाहट में एनआइए और एटीएस से इस तरह की कार्रवाई कराई जा रही हैं। 


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