नवाब खानदान की करोड़ों की संपत्ति चट कर गए दीमक, हथियारों को लगा जंक Rampur News
एक कमरे में दीवार पर 16 राइफल भी लगी मिलीं। इन्हें भी जंग लगी है। नवाबों के चार सौ हथियार आरमरी में रखे हैं जबकि सवा सौ हथियार कमरों में लगे हैं।
रामपुर(मुस्लेमीन)। नवाब खानदान की अरबों रुपये की संपत्ति के बंटवारे का मुकदमा तय होने में 45 साल लग गए। इस दौरान करोड़ों की संपत्ति को दीमक चाट गई, जबकि हथियारों को जंक लग गई है। इस कोठी में पास पांच सौ से ज्यादा हथियार हैं।
अरबों की है संपत्ति
नवाब खानदान की रामपुर में अरबों की संपत्ति है। इसमें कोठी खास बाग, लक्खी बाग, बेनजीर बाग, नवाब रेलवे स्टेशन भी शामिल है। इस संपत्ति के बंटवारे को लेकर नवाब खानदान में विवाद चल रहा था। 1974 में शुरू हुआ यह विवाद पहले मुंसिफ कोर्ट पहुंचा। इसके बाद जिला जज और फिर हाई कोर्ट। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में भी यह मुकदमा लंबे समय तक चला। पिछले साल सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट मे इस्लामी शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए।
जिला जज को बंटवारे की जिम्मेदारी
बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है, उन्हे दिसंबर 2020 तक बंटवारा करना है। संपत्ति के सर्वे के लिए उन्होंने एडवोकट कमिश्नर नियुक्त किए हैं। कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना इसका सर्वे कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व सांसद बेगम नूरबानो और उनके बेटे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के साथ खास बाग का सर्वे किया। खास बाग की 450 एकड़ जमीन का सर्वे करने के साथ ही कोठी का भी जायजा लिया।
श्री सक्सेना ने बताया कि कि कोठी में करीब ढाई सौ कमरे हैं। कमरों के अंदर बेशकीमती सामान था। बर्मा टीक से बेड, डाइङ्क्षनग टेबल के साथ ही कमरों की दीवारों पर काम हुआ, लेकिन लकड़ी के तमाम सामान को दीमक चाट गई। इसी तरह कमरों में लगे झूमर, पेंङ्क्षटग्स, पियानो और पर्दे भी खराब हो चुके हैं। कोठी में थियेटर भी था, जिसका सारा फर्नीचर खराब हो गया है।
देखरेख के अभाव में हुई खराब
कोठी खास बाग देश की पहली फुल्ली एयर कंडीशनर कोठी थी। लेकिन, देखरेख के अभाव में एयर कंडीशनर सिस्टम भी खराब हो चुका है। कोठी के अंदर बेशकीमती पेंङ्क्षटग्स भी लगी थी, जिनमें अधिकतर खराब हो गई हैं या फिर गायब हैं। इस संपत्ति में 16 हिस्सेदार हैं। पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की की पत्नी मेहरुन्निशा भी हिस्सेदार हैं। लेकिन, वह लंबे समय से रामपुर से उनका कोई वास्ता नहीं है। इस कारण उनकी संपत्ति को सरकार कस्टोडियन घोषित करेगी।