TB investigation in Moradabad : प्रदेश के 75 जिलों में टीबी जांच में मुरादाबाद की स्थिति सबसे खराब
TB investigation in Moradabad यूपी के 75 जिलों में मुरादाबाद टीबी जांच में पिछड़ गया है। 06 स्थानों पर हो रही है सीबी नेट की जांच। कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित भी हो रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। प्रधानमंत्री ने 2025 तक देश से टीबी की बीमारी समाप्त कराने का संकल्प लिया है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में मुरादाबाद सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। प्रदेश स्तरीय समीक्षा में मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग की खूब फजीहत हुई है। टीबी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करके निपटा दी गई। हकीकत ये है कि आरएनटीसीपी के लैब तकनीशियन को कोरोना के नमूने संकलित कराने में लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आरएनटीसीपी के सात लैब तकनीशियन को कोरोना डयूटी पर लगाया है। इस वजह से सीबी नेट की जांच नहीं हो पाई।
कांठ, पाकबड़ा, ताजपुर, डींगरपुर, करूला, अगवानपुर में तो काम ही नहीं हुआ। हालात ये हैं कि यहां मरीजों की जांच होना तो दूर की बात रही बल्कि कर्मचारी ही यहां नदारद मिले। जिला अस्पताल में सीबी नेट मशीन चालू रही। इस वजह से जनवरी से अगस्त तक कुल 14,751 जांचें हो पाई। एमडीआर के मरीजों को भी इस वजह से दुश्वारी का सामना करना पड़ा।
ये हुई जांचें
माह, जांच
जनवरी, 2843
फरवरी, 8374
मार्च, 1516
अप्रैल, 156
मई, 163
जून, 746
जुलाई, 572
अगस्त, 381
यहां हुई निरंतर जांच
टीबी की जांच के लिए जिले में 25 डेसिनेटिड माइक्रोस्टॉपी सेंटर बनाए गए हैं। इसमें सिर्फ जिला अस्पताल, केजीके कालेज, कटघर, मियां कालोनी में जांच की गई है। लॉकडाउन में सिर्फ जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का परीक्षण किया गया।
दो कर्मचारी हो चुके कोरोना संक्रमित
कोरोना में कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। 16 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर में से दो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना में डयूटी होने की वजह से ये लोग फील्ड में भी मॉनिटरिंग के लिए नहीं जा रहे हैं।
प्रदेश में टीबी के मामले में नोटिफिकेशन कम हुआ है। कोरोना में डयूटी होने की वजह से कर्मचारियों का प्रजेंटेशन कमजोर हुआ है। सभी को अलर्ट किया गया है। टीबी के मरीजों की निगरानी भी बढ़ेगी और नोटिफिकेशन भी बढ़ाया जाएगा।
डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी, जिला क्षय रोग अधिकारी