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रणजी के रण में दौड़ेगी स्वार एक्सप्रेस Moradabad News

टीएमयू क्रिकेट एकेडमी में वाजिद के चयन पर जमकर जश्न मनाया गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 07:25 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 07:25 AM (IST)
रणजी के रण में दौड़ेगी स्वार एक्सप्रेस Moradabad News

मुरादाबाद । खेतों से निकलकर खेल मैदान पर छा जाने वालों में अब एक नाम रामपुर के वाजिद अली का भी जुड़ गया है। किसान के बेटे वाजिद का चयन बुधवार को देश की सबसे बड़ी घरेलू ट्रॉॅॅफी रणजी ट्रॉफी के लिए यूपी टीम में कर लिया गया।  दाएं हाथ के तेज गेंदबाज वाजिद पिछले पांच साल से तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के ग्राउंड पर कोच बदरुद्दीन से गेंदबाजी की बारीकी सीख रहे हैं। इससे पहले मुरादाबाद के मोहसिन खान और आर्यन जुयाल का चयन रणजी के इस सत्र के लिए हो चुका है। रामपुर के स्वार निवासी वाजिद को स्वार एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार वाजिद 11 जनवरी से बड़ौदा के खिलाफ होने वाले मुकाबले से रणजी ट्रॉफी में पदार्पण कर सकते हैं। सुबह 11 बजे जैसे ही वाजिद के चयन की सूचना मिलते ही मुरादाबाद और रामपुर के क्रिकेट प्रेमी खुशी से उछल पड़े। टीएमयू क्रिकेट एकेडमी में वाजिद के चयन पर जमकर जश्न मनाया गया। स्वार स्थित उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। वाजिद ने अपनी सफलता का श्रेय कोच बदरुद्दीन, माता-पिता,भाई नफीस अहमद, अकरम सैफी और रणजी क्रिकेटर मोहसिन खान को दिया। 

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कभी खेती में बंटवाते थे पापा का हाथ 

वाजिद अली पांच साल पहले तक अपने पिता मुनव्वर अली और भाई नफीस अहमद के साथ नियमित रुप से खेतों में काम करते थे। क्रिकेट की तरफ बचपन से ही झुकाव था और उनके गेंदबाजी का पूरा स्वार कायल था। वाजिद के क्रिकेट प्रेम को देखते हुए भाई नफीस ने उनका दाखिला टीएमयू क्रिकेट एकेडमी में करा दिया। वाजिद बताते हैं कि यहां पर कोच बदरुद्दीन ने उनकी स्पीड, लाइनलेंथ और फिटनेस पर जबरदस्त काम किया। 

ऐसे नाम पड़ा स्वार एक्सप्रेस

वाजिद के भाई नफीस बताते हैं कि वाजिद बचपन में गली और मोहल्लों में खूब क्रिकेट खेलता था। महज 12 साल में ही वह क्षेत्र के नामी बल्लेबाजों को अपनी स्पीड से चकमा देकर विकेट उखाड़ देता था। स्पीड के कारण क्षेत्र के लोगों ने उसे स्वार एक्सप्रेस का नाम दे दिया। 

 

सीके नायडू का प्रदर्शन बना चयन का आधार

कुछ दिन पहले ही वाजिद का चयन सीके नायडू ट्रॉफी के लिए यूपी टीम में हुआ था। इसमें उन्होंने एक मैच में महाराष्ट्र के छह बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाकर पूूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। वाजिद भी मानते हैं कि उनके इस प्रदर्शन ने चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

आर्यन जुयाल, मोहसिन खान के बाद अब वाजिद का चयन इस बात का प्रमाण है कि मुरादाबाद में क्रिकेट का स्तर काफी सुधरा है। एक कोच के नाते वाजिद के चयन पर मुझे कितनी खुशी मिली है, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। जल्द ही वह टीम इंडिया की नीली जर्सी में दिखेगा। 

बदरुद्दीन कोच।  


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