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1998 में मुरादाबाद आई थीं सुषमा, धारा 370 खत्म करने को की थी वकालत Moradabad News

1998 में पंचायत भवन में हुए कार्यक्रम के दौरान पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पीतल से बना उपहार देते हुए विनोद अग्रवाल।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 02:46 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 09:05 AM (IST)
1998 में मुरादाबाद आई थीं सुषमा, धारा 370 खत्म करने को की थी वकालत Moradabad News

मुरादाबाद : पूर्व केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मुरादाबाद से नाता रहा। पंचायत भवन सभागार में वर्ष 1998 में संविधान समीक्षा क्यों पर हुई गोष्ठी में मुख्य अतिथि बनकर आईं। आज भी गोष्ठी में मौजूद भाजपा नेताओं को उनके तेवर याद हैं। गोष्ठी की अध्यक्षता तत्कालीन सांसद चंद्रविजय सिंह ने की थी और कार्यक्रम का संयोजन की जिम्मेदारी मनोज गुप्ता ने निभायी थी। पंचायत भवन में हुई गोष्ठी में सुषमा स्वराज ने कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने की जबरदस्त वकालत की। उन्होंने इसके लिए प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने और कश्मीर के विकास के लिए 370 को समाप्त करने पर जोर दिया। इसके लिए संविधान में संशोधन पर बल दिया। कहा था पूरे देश में एक ही तरह का कानून लागू होना चाहिए। गोष्ठी का संयोजन करने वाले मनोज गुप्ता वर्तमान में भाजपा पश्चिमी यूपी के स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ में सह-संयोजक हैं।

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सुषमा स्वराज के निधन की सूचना मिलने के बाद शोक-संवेदना व्यक्त की। मनोज गुप्ता ने बताया कि उस समय भी जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने की वकालत की थी। -हरिओम शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा

सुषमा स्वराज के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। वे पार्टी की सक्रिय नेता थीं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उन्होंने जोरदार तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व किया। -महेन्द्र गुप्ता, महानगर अध्यक्ष।

भारतीय राजनीति का अद्भुत सितारा थीं। आदर्श मां के साथ आदर्श नेता के रूप में उन्हे हमेशा याद किया जाएगा। देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी वाणी का लोहा मनवाया। इनके निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। -देवराज सिंह, क्षेत्रीय मंत्री भाजपा पश्चिमी यूपी

उनसे कई बार मुलाकात हुई थी। पंचायात भवन में हुए कार्यक्रम के दौरान उन्हें पीतल के बने आइटम गिफ्ट किए, साथ ही निर्यात इंडस्ट्री को बढ़ावा देने लिए योजनाएं शुरू करने की मांग रखी थी। हमारे परिवार से उनका गहरा लगाव रहा। उनके निधन से गहरा दुख पहुंचा है। -विनोद अग्रवाल, महापौर।

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