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यूपी पुलिस की ठांय-ठांय- दारोगा को सम्मान के बाद मुठभेड़ पर भी उठे सवाल

चन्दौसी में मुठभेड़ के दौरान पिस्टल नहीं चलने पर दारोगा ने मुंह से ही ठांय-ठांय की थी। वीडियो वायरल होने से पुलिस की किरकिरी हुई थी। अब मुठभेड़ पर सवाल उठने लगे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 08:22 PM (IST)
यूपी पुलिस की ठांय-ठांय- दारोगा को सम्मान के बाद मुठभेड़ पर भी उठे सवाल

मुरादाबाद (जेएनएन)  : सम्भल के चन्दौसी में मुठभेड़ के दौरान पिस्टल नहीं चलने पर मुंह से ही ठांय-ठांय कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास करने वाले दारोगा ने जहा सम्भल पुलिस की देशभर में किरकिरी कराई है, वहीं अब अधिकारी अपनी इस नाकामी को छुपाने में लगे हुए हैं। आरोपित की पत्नी शबाना ने कहा है कि पुलिस उनके पित को घर से उठाकर ले गई थी। 

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पुलिस अफसरों का रवैया हैरानी भरा 

हैरानी यह है कि पुलिस अधिकारी अपने मातहत के इस कृत्य को मान ही नहीं रहे थे, दूसरी ओर एसपी यमुना प्रसाद ने तो दारोगा को हीरो बना दिया है। उन्होंने दारोगा मनोज कुमार को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए डीजी के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की संस्तुति भेजी है। उनका मानना है कि पिस्टल खराब होने के बाद भी दारोगा ने हिम्मत नहीं हारी और मुंह से ही ठांय ठांय कर बदमाशों का मुकाबला किया।  वायरल वीडियो बताता है कि पुलिस टीम मुठभेड़ के लिए तैयार ही नहीं थी। पुलिस कर्मी हेलमेट तक नहीं लगाए थे। फायरिंग करने में उनके हाथ कांप रहे थे। गोली चलाते समय सिर भी नीचे था, ऐसा लग रहा था मानों कोई नाटक खेला जा रहा हो।

यह है मुठभेड़ का पूरा मामला

असमोली थाना क्षेत्र में पाच दिन पहले पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। बदमाश फायरिंग करते हुए एक गन्ने के खेत में घुस गए थे। पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए गन्ने के खेत को घेर लिया था और बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी तभी असमोली में तैनात दारोगा मनोज कुमार भी पहुंचे और पिस्टल हवा में उठा कर फायरिंग करने लगे। कई बार दारोगा ने फायर करने का प्रयास किया लेकिन फायर नहीं हुआ। इसके बाद दारोगा ने मुंह से ही ठांय-ठांय कर बदमाशों को पकड़ने के लिए आवाज लगानी शुरू कर दी।

वीडियो हुआ वायरल तो पुलिस की हुई किरकिरी 

 वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सम्भल पुलिस की काफी किरकिरी हुई। पहले दिन से एसपी दारोगा के बचाव में इस मामले में एसपी पहले दिन से ही दारोगा के बचाव में खड़े नजर आए हैं। अब एसपी ने दारोगा को सम्मानित करने का फरमान भी सुना डाला है। इसे लेकर लोगों में चर्चा है कि जो दारोगा पिस्टल नहीं चला पा रहा है और पिस्टल चलाते वक्त भी डर रहा है उसे सम्मानित करके पुलिस अधिकारी क्या दर्शाना चाह रहे हैं। सम्मानित करने के निर्णय को लेकर एसपी यमुना प्रसाद का कहना है कि दारोगा ने पिस्टल नहीं चलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। स्थिति को देखते हुए मुंह से ही गोली की आवाज निकाली और बदमाश को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। माना जा रहा है कि पुलिस विभाग अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसा करने के लिए मजबूर है, क्योंकि अधिकारी अपनी कमी मानने को तैयार नहीं है और यह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पत्नी ने खोली पुलिस कार्रवाई की कलई

इनामी बदमाश रुखसार उर्फ भतीजा की पत्नी शबाना उर्फ शन्नो ने कहा है कि १२ अक्टूबर को दोपहर में अमरोहा में पुलिस ने घर पर दबिश दी थी। उसके पति को नमाज पढ़ने जाने के दौरान पकड़ कर ले गई थी। पुलिस वाले सादी वर्दी में थे। उसने विरोध किया और शोर मचाया, लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। लोगों ने भी उन्हें ले जाते हुए देखा। वह कशमकश में रही कि पुलिस है अथवा कोई और। उनकी पुलिस से मुठभेड़ नहीं हुई हैै। 


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