पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गो तस्करों की धमक, धूमिल हो रही सरकार की साख
गोवंश की तस्करी एक बार फिर बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है। रामपुर मुरादाबाद व सम्भल से बड़ी संख्या में सिलसिलेवार बरामद मृत गोवंशीय पशु इस दावे की पुष्टि कर रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गोवंश की तस्करी एक बार फिर बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है। रामपुर, मुरादाबाद व सम्भल से बड़ी संख्या में सिलसिलेवार बरामद मृत गोवंशीय पशु इस दावे की पुष्टि कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस का पूरा तंत्र पशु तस्करी के खेल से वाकिफ है, फिर भी कोई पशु तस्करों की नकेल कसने की जहमत नहीं उठा रहा है। इससे प्रदेश सरकार की साख धूमिल हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालने के साथ ही गोवंशीय पशुओं की तस्करी व इनकी कटान पर रोक लगा दी थी। प्रशासनिक तंत्र को शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया। इस कड़ी में गोवंशीय पशुओं की कटान पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धड़ल्ले से चल रहे तमाम अवैध स्लाटर हाउस पर ताले लटक गए। पुलिस के आला अफसरों ने चेतावनी भी दी कि जिस थाना क्षेत्र में गोकशी अथवा गो तस्करी के मामले उजागर होंगे, उनके प्रभारियों की खैर नहीं होगी। यहां तक कि हल्का इंचार्ज व बीट सिपाही तक की जवाबदेही तय हुई। परिणाम हुआ कि पुलिस ने इस खेल से किनारा करना ही मुनासिब समझा। कुछ मामलों को छोड़ दें तो गो तस्करी का कोई बड़ा मामला बीते दिनों मुरादाबाद मंडल में प्रकाश में नहीं आया।
कुछ दिनों से बदल गए हालात
इधर, कुछ दिनों से हालात तेजी से बदले हैं। तीन जून को सुबह रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र में 12 गोवंशीय सड़क किनारे मृत मिले। मुरादाबाद-बाजपुर रोड पर 12 गोवंशीय मिलने से सनसनी फैल गई। कुछ ऐसा ही वाकया बुधवार को मुरादाबाद व सम्भल में प्रकाश में आया। मुरादाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में ढेला नदी के तटवर्ती क्षेत्र से 27 मृत गोवंशीय पशु पुलिस ने बरामद किए जबकि सम्भल के बहजोई थाना क्षेत्र के ग्राम रायपुर कला के समीप श्मशान में गोवंश के अवशेष मिले। तीन दिनों के भीतर गोवंश बरामद होने की इन तीन बड़ी घटनाओं ने लोगों के कान खड़े कर दिए। ङ्क्षहदूवादी संगठनों को भी समझते देर नहीं लगी कि गोवंशीय पशुओं की तस्करी एक बार फिर शुरू हो गई है। यही वजह रही कि भोजपुर में जमा सैकड़ों लोगों ने पशु तस्करों को चिह्नित करने और इसमें लिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया।
रामपुर के टांडा भेजे जा रहे गोवंशीय पशु
रामपुर का टांडा थाना क्षेत्र एकबार फिर गोवंशीय पशुओं की कटान का हब बन गया है। वहां धड़ल्ले से गोवंश की कटान हो रही है। दिल्ली, हरियाणा व उत्तराखंड से बड़ी संख्या में गोवंशीय पशु रामपुर भेजे जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि गोवंशीय पशुओं को ले जाने के लिए तस्कर राजमार्गों का उपयोग कर रहे हैं।
मृत गोवंश पशु मिलने के पीछे की दास्तान
मुरादाबाद, रामपुर व सम्भल में मृत गोवंश बरामद होने के पीछे की जो कहानी प्रकाश में आई है, वह न सिर्फ चौंकाती है बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली को ही सवालों में खड़ा कर रही है। सोमवती अमावस्या के मौके पर गढ़मुक्तेश्वर में वाहनों का लंबा जाम लगा था। संभावना है कि गोवंशीय पशुओं से भरे वाहन भी उस जाम में ही फंस गए। गर्मी चरम पर है। समय से दाना-पानी न मिलने व गर्मी का शिकार होने के कारण ही पशुओं ने दम तोड़ दिया। पुलिस का यह दावा पश्चिम उत्तर प्रदेश में गोवंशीय पशुओं की तस्करी एक बार फिर शुरू होने के साफ संकेत देता है।
हाईवे पर सो रही पुलिस
मुरादाबाद मंडल में गोवंशीय पशुओं की तस्करी पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह खड़ा करती है। खासकर उन थाना क्षेत्र में तैनात निरीक्षक, उपनिरीक्षक व सिपाहियों की भूमिका सवालों के घेरे में है, जिनके थाना क्षेत्र से राजमार्ग गुजरते हैं। राजमार्गों के सहारे ही पशुओं की तस्करी होने के दावे हो रहे हैं। इसके बाद भी पशु तस्करों का पुलिस के हाथ न लगना बड़ा सवाल खड़ा करता है।
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