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किसानों के लिए कारगर सबित हो रही स्प्रिंकलर सिंचाई विधि

जिले में किसानों को अब स्प्रिंकलर विधि द्वारा खेतों में सिंचाई कर रहे है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 06:05 AM (IST)
किसानों के लिए कारगर सबित हो रही स्प्रिंकलर सिंचाई विधि
किसानों के लिए कारगर सबित हो रही स्प्रिंकलर सिंचाई विधि

रामपुर : जिले में किसानों को अब स्प्रिंकलर विधि द्वारा खेतों में सिंचाई कर रहे है। इस विधि से किसानों के लिए पानी की बचत के साथ समय की बचत और धन की भी बचत होती है। साथ ही सरकार की तरफ से किसानों को स्प्रिंकलर मशीन खरीदने पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी मिल रही है। विधि से सिंचाई आ रही है पसंद किसानों को स्प्रिंकलर मशीन द्वारा ¨सचाई पसंद आ रही है। यह एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा पानी का हवा में छिड़काव किया जाता है और यह पानी भूमि की सतह पर कृत्रिम वर्षा के रूप में गिरता है। फव्वारा ¨सचाई विधि में पानी का लगभग 80 प्रतिशत भाग पौधों द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है, जबकि पारम्परिक विधि में सिर्फ 30 प्रतिशत पानी का ही उपयोग होता है। स्प्रिंकलर मशीन पानी का छिड़काव दबाव द्वारा छोटी नोजल या ओरीफिस में प्राप्त किया जाता है। पानी का दबाव पम्प द्वारा भी प्राप्त किया जाता है। कृत्रिम वर्षा चूंकि धीमे-धीमे की जाती है, इसलिए न तो कहीं पर पानी का जमाव होता है और न ही मिट्टी दबती है। इससे जमीन और हवा का सबसे सही अनुपात बना रहता है और बीजों में अंकुर भी जल्दी फूटते हैं। जब पानी वर्षा की भांति छिड़का जाता है तो भूमि पर जल भराव नहीं होता है जिससे मिट्टी की पानी सोखने की दर की अपेक्षा छिड़काव कम होने से पानी के बहने से हानि नहीं होती है। इस विधि के द्वारा घुलनशील खाद भी लगाई जा सकती है, जिससे खाद की बचत होती है। जिन जगहों पर भूमि ऊंची-नीची रहती है वहाँ पर सतही ¨सचाई संभव नहीं हो पाती ऐसे जगहों पर फव्वारा विधि द्वारा आसानी से ¨सचाई हो सकती है। स्प्रिंकलर ¨सचाई बलुई मिट्टी जैसे क्षेत्रों सर्वोत्तम विधि है। इस विधि से ¨सचाई करने पर मृदा में नमी का उपयुक्त स्तर बना रहता है जिसके कारण फसल की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता अच्छी रहती है। इस विधि में ¨सचाई के पानी के साथ घुलनशील उर्वरक, कीटनाशी तथा जीवनाशी या खरपतवारनाशी दवाओं का भी प्रयोग आसानी से किया जा सकता है। पाला पड़ने से पहले फव्वारा विधि द्वारा ¨सचाई करने पर तापक्रम बढ़ जाने से फसल को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। फव्वारा के जरिए की जाने वाली ¨सचाई का लाभ लगभग हर किस्म की फसल को पहुंचाया जा सकता हैं। वैसे तो इस फव्वारा मशीन की कीमत 45 हजार रुपये है मशीन के साथ 15 पंप भी मिलते है लेकिन सरकार द्वारा किसानों को फव्वारा मशीन लेने पर 80 प्रतिशत तक छूट मिलती है। खेती के आ रहे हैं नए साधन अमरप्रति ¨सह जो कि पेशे से किसान है उनका कहना है कि कृषि विज्ञान की तरफ से खेती करने के लिए नए साधन आ रहे है जिनसे खेती करना दिन-प्रतिदिन सहज और आसान हो गया है। मैं अपनी सारी खेती की भूमि फव्वारा विधि द्वारा ही सिचाई करता है। मशीन से किसानों को है कई लाभ

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कृषि अधिकारी चंद्रगुप्त सगार का कहना है यह फव्वारा मशीन से किसानों को कई तरह के लाभ है जिसने पानी के बचत से लेकर समय और धन की बचत होती है। अच्छी फसल के लिए किसानों फव्वारा मशीन की इस्तेमाल करनी चाहिए।


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