ट्रेंच विधि से करें गन्ने की बोआई, बढ़ेगी आमदनी Sambhal News
पश्चिम उत्तर प्रदेश में अधिकतर किसानों की मुख्य आय का स्रोत गन्ना की फसल ही है। यदि किसान गन्ने की फसल की बोआई वैज्ञानिक तरीके से करें तो इससे उत्पादन में तो वृद्धि होगी ही साथ ही
संभल, जेएनएन। बेहतर उत्पादन के लिए गन्ना बुवाई की वैज्ञानिक विधि अपनाना होगी, जिसमें कृषि वैज्ञानिक अधिकतर किसानों को गन्ने की ट्रेंच विधि से बुवाई करने की सलाह दे रहे हैं, जिससे न केवल फसल की पैदावार अच्छी होगी, बल्कि फसल को दैवीय आपदाओं से सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।
गन्ना बोआई से पहले कराएं मृदा परीक्षण
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार जो किसान गन्ना की बुवाई के समय रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं, उन्हें बेहद सावधानी बरतते हुए सबसे पहले मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। वह अपने खेत की मिट्टी का नमूना अपने तहसील की मृदा लैब में परीक्षण के लिए दे सकते हैं।
जानिए क्या है ट्रेंच विधि
कृषि वैज्ञानिक डॉअरङ्क्षवद कुमार ने बताया कि इस विधि में खेत तैयार करने के बाद ट्रेंच ओपनर से लगभग एक फीट चौड़ी और लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर गहरी नाली बना लेते हैं। एक नाली से दूसरी नाली की दूरी लगभग एक मीटर होनी चाहिए। ठीक इसी प्रकार पूरे खेत में ट्रेंच बनाकर तैयार कर लें और बुवाई के दौरान ट्रेंच में सबसे पहले उर्वरक डालना चाहिए। इसके अलावा रासायनिक खाद में डीएपी, यूरिया और पोटाश भी डाल सकते हैं।
ट्रेंच विधि में गन्ने की बोआई और ढकाई ऐसे करें
गन्ने की बुवाई करने के लिए तैयार नालियों में दो आंख की उपचारित 10 से 12 गन्ने के टुकड़े प्रति मीटर की दर से इस प्रकार डालें कि उनकी आंखें अगल-बगल रहें। गन्ने के टुकड़ों को दीमक और अंकुर बेधक से बचाने के लिए उनके ऊपर रिजल्ट 20 किलोग्राम या फॉरेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कर दें। इसके अलावा गन्ने के टुकड़ों की ढकाई इस तरह करें कि गन्ने के टुकड़ों के ऊपर दो से तीन सेंटीमीटर से अधिक मिट्टी ना पड़ पाए।