तो क्या नगरीय विकास मंत्री बगैर एनओसी मिले ही भवन का शिलान्यास करेंगे?
मुरादाबाद : दिल्ली रोड स्थित आवास विकास सेक्टर चार में बिना हस्तातरण और भूमि सुधार शुल्क (
मुरादाबाद : दिल्ली रोड स्थित आवास विकास सेक्टर चार में बिना हस्तातरण और भूमि सुधार शुल्क (विकास शुल्क) जमा किए आधुनिक भवन का शिलान्यास होने जा रहा है। बिना पूरी प्रक्रिया के ही नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना शिलान्यास करेंगे या फिर नहीं। दरअसल हम बात कर रहे हैं दिल्ली रोड स्थित नगर निगम के नई आधुनिक भवन के निर्माण के लिए भूमि पूजन की। इस भवन के निर्माण से पहले नगर निगम को एक करोड़ 99 लाख रुपये भूमि सुधार शुल्क आवास विकास को देना है। इसके बाद ही आवास विकास जमीन हस्तारित कर नगर निगम को एनओसी देगा। अब देखना होगा कि टीएमयू में राज्यपाल राम नाईक के कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे मंत्री, इसका शिलान्यास करते हैं या फिर नहीं।
मंत्री से आने पहले आवास विकास ने मागा शुल्क
शनिवार को दोपहर बाद भवन का शिलान्यास करना था। इससे पहले ही आवास विकास की टीम पहुंच गई। आवास विकास के अधिशासी अभियंता जेपी द्विवेदी ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ला से मय ब्याज के भूमि सुधार शुक्ल जमा करने का कहा है। शुक्ला ने अफसरों से बात कर ब्याज देने से इंकार कर दिया। बल्कि अवस्थापना निधि से सुविधा शुल्क देने की तैयारी में नगर निगम जुट गया है। शिलान्यास से पहले दोनों विभाग इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाएंगे।
बदले में आवास विकास दे रहा जमीन
दस साल पहले सेक्टर दो में नगर निगम की 6,335 वर्ग मीटर जमीन पर आवास विकास फेस-दो ने प्लाटिंग कर बेच दी। नगर निगम के आपत्ति करने पर तय हुआ कि आवास विकास बदले में जमीन मुहैया कराएगा, जिस पर सेक्टर चार में आवास विकास ने जमीन देने की सहमति जताई। आवास विकास ने नगर निगम को भूमि सुधार शुल्क जमा करने से पहले एनओसी देने से इंकार कर दिया है। पेच और भी फंसे है। यदि नगर निगम शुल्क जमा कर देता तो एनओसी मिलने भी तब भी परेशानी होती, क्योंकि आवास विकास में अध्यक्ष का पद लंबे समय से खाली है।
नगर निगम ने शुरू की प्रक्रिया
इस संबंध में नगर आयुक्त अवनीश कुमार शर्मा कहते हैं कि दोनों में सैद्धातिक सहमति के बाद आवास विकास को भूमि सुधार शुल्क देने की प्रक्त्रिया नगर निगम ने शुरू कर दी। आवास विकास ने पहले हमारी जमीन में प्लाटिंग कर ली थी, तब उसी के बदले जमीन देने को सहमति हुई थी, जिसे आवास विकास हस्तातरित करेगा। यह प्रक्रिया शिलान्यास के बाद भी हो सकती है।