नेपाल के रास्ते पड़ोसी देश भाग सकते हैं स्लीङ्क्षपग मॉड्यूल
खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक स्लीङ्क्षपग मॉड्यूल नेपाल के रास्ते पड़ोसी देश भागने की फिराक में हैं।
अमरोहा । खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक स्लीङ्क्षपग मॉड्यूल नेपाल के रास्ते पड़ोसी देश भागने की फिराक में हैं। नेपाल बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमा पर चौकसी बरती जा रही है।
अभियान से मची है खलबली
आतंकी संगठनों के खिलाफ खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान से खलबली मची है। प्रदेश में सक्रिय स्लीङ्क्षपग मॉड्यूल के पैर उखड़ चुके हैं। पश्चिमी यूपी को छोड़ कर इधर-उधर भाग रहे आतंकियों के संबंध में एनआइए को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। सूत्र बताते हैं कि वे नेपाल के रास्ते पड़ोसी देश भागने की फिराक में हैं। वैसे भी अभी तक अधिकांश मामलों में नेपाल व कश्मीर के रास्ते ही आतंकियों का देश में दाखिल होने के मामले में प्रकाश में आए हैं। शनिवार सुबह से एनआइए व अन्य एजेंसियों ने नेपाल बार्डर पर चौकसी बरतना शुरू कर दिया है। इस संबंध मेें दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। भारत से नेपाल आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। एनआइए से जुड़े सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठनों से जुड़े कुछ लोग सीमा पार कर नेपाल के रास्ते पड़ोसी देश भाग सकते हैैं।
मंडल के धार्मिक स्थलों और नेताओं पर हमले का खतरा
अमरोहा में जिले में आतंकी नेटवर्क के पर्दाफाश होने के बाद नया खतरा मडऱा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने मंडल के कुछ धार्मिक स्थलों व नेताओं पर आतंकी हमले का खतरा जताया है। एजेंसियों ने स्थानीय प्रशासन को भविष्य में किसी अनहोनी को रोकने के संबंध में सुरक्षा बरतने संबंधी दिशा-निर्देश दिए हैं।
दो साल पहले दिल्ली में लश्कर के आतंकी पकड़े जाने पर पश्चिमी यूपी के धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश का पर्दाफाश हुआ था। इन स्थलों में नौगावां सादात का एक इमामबाड़ा, मेरठ के सरधना का चर्च व ब्रजघाट स्थित मंदिर का जिक्र भी किया गया था। अब जिले में आइएस के मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद फिर से यही संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक पकड़े संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर मुरादाबाद मंडल के कई धार्मिक स्थल व नेता थे। पूछताछ के दौरान खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है। मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर व सम्भल के धार्मिक स्थल व नेताओं पर आतंकी हमले की साजिश रचे जाने की जानकारी मिलने पर खुफिया तंत्र के होश उड़ गए हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले के प्रशासन को अवगत कराया है, हालांकि धार्मिक स्थलों व नेताओं के नाम की जानकारी नहीं मिल सकी है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने को कहा गया है। पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां अपना काम करती, उनका मिशन गोपनीय रहता है। जो भी इनपुट या निर्देश मिलता है, उस पर काम होता है।
सईद के घर आते थे दो कश्मीरी मौलाना
आइएस के यूपी चीफ मुफ्ती सुहैल के साथ पकड़े गए सैदपुर इम्मा के सगे भाई सईद, रईस के संबंध कश्मीर के मौलाना से थे। खुफिया एजेंसियां मौलाना की तलाश में जुटी हैैं। चंदा जुटाने की आड़ में कश्मीर के दो मौलाना अमरोहा स्थित उसकी दुकान पर आते थे तथा अक्सर घर ठहरते थे। बुधवार को एनआइए व एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए सईद व रईस सगे भाई हैं तथा गांव सैदपुर इम्मा में रहते हैं। एक भाई की वेङ्क्षल्डग की दुकान अमरोहा के मुहल्ला इस्लामनगर में तो दूसरे की गांव के अड्डे पर है। पूछताछ में एनआइए को जानकारी मिली कि सईद के संपर्क किसी मौलाना से हैं। वह अक्सर सईद के घर आकर ठहरता था। मौलाना कौन है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। अभी तक की पड़ताल में एनआइए को सूचना मिली कि एक नहीं बल्कि दो मौलाना, सईद के संपर्क में थे। वह कश्मीर के रहने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक कश्मीर निवासी दोनों मौलाना चंदा जुटाने के लिए अमरोहा व आसपास के क्षेत्र में आते थे। वह सईद की इस्लाम नगर स्थित दुकान पर भी ठहरते थे। अक्सर गांव में उसके घर भी ठहरते थे। खुफिया एजेंसियां कश्मीर के दोनों मौलाना की तलाश में जुटी हैं।