मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Nischalananda Saraswati in Moradabad : पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मुरादाबाद प्रवास के तीसरे दिन भी धर्म और आस्था से जुड़े रहना का मंत्र दिया। श्री नारायण की चरण पादुका के दर्शन व पूजा करने को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। तीनों दिन धर्म, राजनीति, अध्यात्म, गृहस्थ जीवन का ज्ञानार्जन शंकराचार्य के माध्यम से लोगों को प्राप्त हुआ।
राजन एन्क्लेब में निर्यातक विनय लोहिया के आवास में आसन पर विराजमान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से श्रद्धालुओं ने जिज्ञासा भरे प्रश्न पूछे। उनका तार्किक उत्तर भी शंकराचार्य ने दिया। स्त्रियां पति के बिना यज्ञ में आहुति दे सकती हैं या पति के साथ ही दे सकती हैं, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने विस्तार से समझाया। जहां देवी आहुति डाल सकती हैं, वहां देवी आहुति डालें और जहां पुरुष डाल सकते हैं, वहां वह डालें। अग्निहोत्री जो होते हैं उनके यहां पत्नी का क्या दायित्व है सब लिखा है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक अधिकार तो मातृ शक्ति को प्राप्त है। माता को 10 गुणा अधिकार पिता से अधिक प्राप्त है। हम सब लोग भी माता के गर्भ से पैदा हुए हैं। शंकराचार्य पद पर रहते हुए मैं भी माता को देखकर दंडवत रहूंगा। एक प्रश्न पूछा गया कि माता सीता के बाध्य करने पर श्री राम मृग का शिकार करते हैं। जबकि हिंदू धर्म में निर्दोष प्राणी की हत्या अपराध है तो मृग का शिकार क्यों। इस पर शंकराचार्य ने तार्किक उत्तर देते हुए कहा कि इस तरह तो चिकित्सक शल्य क्रिया व पोस्टमार्टम भी नहीं कर सकता। इस दौरान नगर विधायक रितेश गुप्ता, राजेश रस्तोगी, डा.प्रदीप शर्मा, संतोष नारंग, रितु नारंग सैकड़ों लोग मौजूद रहे। विनय लोहिया, विपिन लोहिया के परिवार ने सहयोग किया।
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