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मुरादाबाद की धर्मसभा में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया क्यों भारत को बनना चाहिए हिंदू राष्ट्र

Dharma Sabha in Moradabad मुरादाबाद में पहली बार हुई धर्मसभा में धर्म आध्यत्म विज्ञान ज्योतिष राष्ट्रीयता हिंदू हिंदुत्व राष्ट्रीय और हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर प्रश्न उठे। सभा में मौजूद श्रद्धालुओं ने प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासा पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सामने रखी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:02 AM (IST)
मुरादाबाद की धर्मसभा में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया क्यों भारत को बनना चाहिए हिंदू राष्ट्र
मुरादाबाद में हुई धर्मसभा में श्रद्धालुओं की जिज्ञासा पर पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने दिए तार्किक उत्तर

मुरादाबाद, जेएनएन। Dharma Sabha in Moradabad : मुरादाबाद में पहली बार हुई धर्मसभा में धर्म, आध्यत्म, विज्ञान, ज्योतिष, राष्ट्रीयता, हिंदू, हिंदुत्व, राष्ट्रीय और हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर प्रश्न उठे। सभा में मौजूद श्रद्धालुओं ने प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासा पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सामने रखी। शंकराचार्य ने उनके तर्कों और वेद मंत्रों के माध्यम से जिज्ञासा को शांत किया। इस दौरान हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र का मुद्दा सर्वाधिक चर्चा में रहा। पुरी पीठाधीश्वर ने कहा कि हम सभी सनातनी हैं, हिंदू जीवन पद्धति है और राष्ट्रीयता से जुड़ा है। इसलिए भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है तो देश को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। भारत निश्चित ही हिंदू राष्ट्र बनेगा।

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रेलवे स्टेडियम में बुधवार को पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सानिध्य में धर्मसभा का आयोजन हुआ। शाम सवा पांच बजे शंकराचार्य धर्मसभा में पहुंचे, मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत हुआ। आसन ग्रहण करने के बाद मंच से शंकराचार्य के जीवन के बारे में जानकारी दी। शंकराचार्य होने का अर्थ समझाया गया। इसके बाद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के निर्देश पर धर्मसभा शुरू हुआ और सभा में मौजूद धर्म प्रेमियों को प्रश्न पूछने के लिए कहा। पहला ही सवाल हिंदू, हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र से जुड़ा था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिंदू जीवन पद्धति है। हमारे देश को हिंदुस्तान भी कहा जाता है। अर्थात वह स्थान जहां हिंदू रहते हैं। हम सभी सनातनी हैं। शास्त्र सम्मत तरीके से अपने धर्म का निर्वहन करना ही हिंदुत्व है। ऐसे में हिंदू राष्ट्र ही होना चाहिए और निश्चित ही हिंदू राष्ट्र बनेगा।

जीवन में सबसे अच्छा आश्रम कौन सा हैः आश्रम के संबंध में प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सभी आश्रम अच्छे हैं। पर गृहस्थ आश्रम सर्वश्रेष्ठ है। इसी आश्रम से सृष्टि आगे बढ़ती है। नए जीवन का सृजन होता है और सनातनी परंपरा आगे बढ़ती है। इसमें ऋषि मुनियों का सम्मान भी है। ग्रहस्थ आश्रम लक्ष्मी और नारायण की आराधना वैकल्पिक स्वरूप है। सनातन धर्म के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि ज्ञान और व्यवहार को साधने वाले सनातन धर्म है। आदि काल से चला आ रहा है। ज्ञान, विज्ञान, गणित भी विश्व को सनातनियों की देन है। लौकिक और परालौकिक दोनों तरीके से समझने से ही सनातन संस्कृति है।

भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की क्यों है जरूरतः भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत क्यों है के उत्तर में शंकराचार्य ने कहा कि विश्व में कोई भी हिंदू राष्ट्र नहीं है और भारत में हिंदू सर्वाधिक हैं तो क्यों नहीं हिंदू राष्ट्र घोषित होना चाहिए। हिंदू सहिष्णु है तो हिंदू राष्ट्र बनने से सभी और सुरक्षित रहेंगे, प्रेम सौहार्द्र बढ़ेगा। इस राष्ट्र को बांटने का विचार समाप्त होगा। सेकुलर शब्द पर पूछे प्रश्न पर उन्होंने बताया कि सेकुलर शब्द भी है और अर्थ भी। बिना धर्म के कोई रह सकता है क्या। धर्म ही जीवन का आधार है। सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।


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