संवेदनशील जेल में सुरक्षा के इंतजाम अधूरे
मुरादाबाद: माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत में जेल के अंदर हत्या किए जाने के बाद कारागार
मुरादाबाद: माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत में जेल के अंदर हत्या किए जाने के बाद कारागारों में सुरक्षा इंतजाम को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। मुरादाबाद जिला कारागार सूबे में अतिसंवेदनशील जेल की श्रेणी में है। इसमें तीन जनपदों के बंदी एक साथ रहते हैं। छह सौ की क्षमता वाली जेल में लगभग ढाई हजार बंदी सजा काट रहे हैं। बंदियों के स्थानातरण को लेकर कई बार कार्रवाई की गई है, लेकिन इसके बाद भी यहा की संख्या में कोई बड़ी कटौती नहीं होती है। दो वर्ष पूर्व जब जिला कारागार की दीवार फादकर सम्भल का बंदी लाल सिंह फरार हुआ तो जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए। इसके बाद अफसरों ने आनन-फानन में जेल की दीवार में तारबंदी कराने के साथ ही जेल की दीवारों में 24 सीसीटीवी लगाने का फैसला किया था। आठ माह की कड़ी मेहनत के बाद अफसरों ने इस काम को पूरा कराया था, लेकिन जेल की सुरक्षा के हिसाब से यह इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं।
नहीं लगाए तकनीकी उपकरण
जिला कारागार की बीस बैरकों के अंदर भी सुरक्षा के लिहाज से कोई भी तकनीकी उपकरण नहीं लगाए गए हैं। जेल अफसरों से जब भी जेल की सुरक्षा के संबंध में सवाल किया जाता है, तो वह जेल स्थानातरण की बात कहकर सभी सवालों से पल्ला झाड़ लेते हैं। जेल को लेकर जो भी पूर्व में योजनाएं आई वो भी कागजों तक सीमित रही।
जेल में नहीं लगा जैमर
खूंखार बंदियों के लिहाज से मुरादाबाद कारागार सबसे मुफीद जगह है। यहा पर बैरक के अंदर से लेकर बाहर तक तकनीकी उपकरण नहीं हैं। वहीं कारागार में जैमर भी नहीं लगा है, जबकि जेल में प्रतिमाह डीआइजी से लेकर अन्य अफसर दौरा करते हैं। इसके बाद जेल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है। कारागार में जैमर को लेकर कई बार अफसरों ने प्रस्ताव भेजा। शासन स्तर पर जेल स्थानातरण की बात कहकर प्रस्तावों को दरकिनार कर दिया जाता है। कारागार में तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी का कहना है कि बैरकों के अंदर सीसीटीवी लगाने के साथ ही जैमर लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है। जेल स्थानातरण की कार्रवाई के चलते कुछ प्रस्ताव अधूरे रह जाते हैं। जेल में अधीनस्थ अफसरों की निगरानी में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।