प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में 50 लाख का घोटाला, खाते से रुपये निकले तो रो पड़ी महिलाएं Moradabad News
ग्रामीणों के हंगामा करना शुरू कर दिया। नारेबाजी होने लगी। पुलिस मौके पर पहुंची। शाखा प्रबंधक भीम सिंह ने सूचना आला अफसरों को दी।
मुरादाबाद, जेएनएन। ठाकुरद्वारा के प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की दूल्हापुर शाखा में अभी तक 50 लाख का घोटाला सामने आया है। 12 ग्राहकों के खातों से 32 ट्रांजेक्शन के माध्यम से धनराशि हड़पी गई। शाखा के जिस कैशियर पर घोटाले का आरोप है, उसने दो लाख रुपये वापस भी कर दिए हैं। मंगलवार को खाता धारकों ने जमकर हंगामा किया। तमाम ग्राहकों की आंखों से आंसू आ गए।दूल्हापुर गांव की प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा में धर्मपाल ने तीन दिन पहले अपनी पत्नी की पासबुक अपडेट कराई तो दो लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर देखकर हैरान रह गए। इसकी जानकारी होने पर अन्य ग्राहक भी पासबुक लेकर ब्रांच पहुंचने लगे तो करीब दर्जनभर ग्राहकों के खातों से लाखों रुपये पीएनबी, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत दीगर बैंकों के खातों में आरटीजीएस होना पाया गया। क्षेत्रीय प्रबंधक हुकुम सिंह और ने पैसा दिलवाने और कार्रवाई का आश्वासन दिया, जब जाकर मामला शांत हो सका।
कैशियर ने मैनेजर के पासवर्ड किया आरटीजीएस
मंगलवार को दिनभर चली जांच पड़ताल में ग्राहक गीता देवी के खाते से 12 जून को ढाई लाख रुपये पीएनबी में आरटीजीएस हुए। इसी तरह दर्जनों किसानों के खातों से करीब 50 लाख रुपये की धनराशि दूसरे खातों में भेजी गई। आरोपित कैशियर शरद कुमार शर्मा ने प्रबंधक पीतांबर सिंह और असिस्टेंट मैनेजर विशाल कुमार के पासवर्ड से आरटीजीएस किया था। क्षेत्रीय प्रबंधक हुकुम सिंह ने बताया कि कैशियर से पूछताछ चल रही है। फिलहाल निलंबित कर दिया गया। रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। उसने दो लाख भी वापस कर दिए हैं। ग्रामीणों का पैसा कराया जाएगा।
तीन जुलाई को दो लाख रुपये ट्रांसफर होने का मामला सामने आया था, इसके बाद ही क्लर्क को निलंबित करने का आदेश दे दिया गया था। घोटाले की रकम कितनी बड़ी है, यह कहना मुश्किल है। बैंक अपनी ओर से जांच कर रहा है।
- अनिल कुमार शर्मा, चेयरमैन, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक दूल्हापुर शाखा का लिपिक निलंबित
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में एक और घोटाला सामने आया है। ठाकुरद्वारा स्थित ग्राम दूल्हापुर शाखा के लिपिक शरद कुमार शर्मा पर ग्राहकों के खाते से 50 लाख रुपये की हेरफेर करने का आरोप है। जांच में सामने आया है कि लिपिक ने मिलीभगत करके 12 ग्राहकों के खाते से 32 ट्रांजेक्शन के माध्यम से यह रकम दूसरे के खातों में भेजी। जांच में आरोपी पाए गए क्लर्क को बैंक ने निलंबित कर दिया है वहीं मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।बैंक के ग्राहक धर्मपाल ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी की पासबुक अपडेट कराई तो दो लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से हस्तांतरित किए गए थे। इसके बाद उन्होंने बैंक में जानकारी की तो गोलमोल जवाब दिया गया। शोर मचाने के बाद ऐसे कई ग्राहक सामने आए जिनके खाते से बड़ी रकम भेजी गई थी। करीब दर्जन भर ग्रामीण ऐसे सामने आए जिनके खाते से आरटीजीएस के माध्यम से पीएनबी, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा में भेजे गए थे।
ग्रामीणों ने किया हंगामा, आंखें से निकले आंसू
एक के बाद एक ग्राहक के खाते से पैसे निकलने की सूचना के बाद बुधवार को कई ग्रामीण बैंक पहुंच कर अपने खाते की रकम की पूछताछ करने लगे। बैंक अधिकारियों के टालने के बाद ग्रामीणों ने बैंक के बाहर ही हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद शाखा प्रबंधक भीम सिंह ने इसकी सूचना आला अधिकारियों की दी। तमाम खाता धारकों की आंखों से आंसू आ गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को रकम वापसी का भरोसा दिलाया, जब जागकर ग्राहक शांत हुए।
इनके खाते से निकली रकम
गीता देवी के खाते से 12 जून को ढाई लाख रुपये पीएनबी और आइसीआइसी बैंक, छुनिया देवी के खाते से 26 जून को दो लाख रुपये, जयवती देवी के खाते से 29 जुलाई को दो लाख रुपये, शगुफ्ता अंजुम के खाते से 25 जुलाई को दो लाख 70 हजार रुपये, हेमलता के खाते से 22 एवं 22 जुलाई को 5 लाख 43 रुपये, मुकेश के खाते से छह और 17 जनवरी को 2 लाख 30 हजार छह रुपये, सोमवारी के खाते से छह लाख 10 हजार रुपये, मुनीजा खातून के खाते से 6 लाख रुपये, मुस्ताक अहमद के खाते से 6 लाख 97 हजार रुपये, गुलफशा खातून के खाते से 3 लाख 10 हजार रुपये, वकीला के खाते से सात लाख रुपये और ब्रजबाला के खाते से 2 लाख 18 रुपये की रकम ट्रांसफर की गई है। इस तरह कुल मिलाकर करीब 50 लाख रुपये की धनराशि को ट्रांसफर किया गया।
छह लोगों के खातों में भेजी रकम
खाते में रकम आरटीजीएस करने में पूर्व प्रबंधक पीतांबर सिंह और असिस्टेंट मैनेजर विशाल कुमार शक के घेरे में हैं। दोनों के पासवर्ड रकम को आरटीजीएस किया गया है। यह रकम अंकुर सहगल, मजेंद्र सिंह, अर्पित वर्मा, राजकृपा ट्रेडर्स, राजेंद्र सिंह, रजत बब्बर, राजेंद्र और जसवंत सिंह के नाम से आइसीआइसीआइ, पीएनबी, ओबीसी पंजाब, बंधन बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआइ की किरतपुर, बिजनौर के खातों में रकम ट्रांसफर कर निकाली गई है।
प्राथमिक जांच में क्लर्क को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है, उसके खिलाफ एफआइआर भी कराई जा रही है। अभी सभी खातों की जांच नहीं हुई है, इसलिए रकम कितनी ज्यादा है कहना मुश्किल है।
- हुकुम सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक
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