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Scam in Gram Panchayats : पंचायत सचिवों की रिट सुप्रीम कोर्ट से निस्तारित, फिर हाईकोर्ट जाना होगा

Scam in Gram Panchayats कहीं जगहोंं पर एमवी नहीं बनी थी। कई गांव में तो पुराने काम को नया दिखाकर भुगतान किए जाने की पोल खुल गई थी। कई गांवों में नियमों को दरकिनार करके भुगतान किए गए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 01:33 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 01:33 PM (IST)
Scam in Gram Panchayats : पंचायत सचिवों की रिट सुप्रीम कोर्ट से निस्तारित, फिर हाईकोर्ट जाना होगा
अब हाईकोर्ट में रिव्यू फाइल कर सकते हैं सचिव।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Scam in Gram Panchayats : प्रशासकों के कार्यकाल में हुए घपलों की जांच पर सवाल खड़े करते हुए पंचायत सचिवों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की थी। अदालत ने सुनवाई के बाद रिट को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम अनुमति देते हैं रिट वापस ले लो। यह परमीशन देते हैं कि हाईकोर्ट रिव्यू फाइल करें। वहां आपकी बात नहीं सुनी जाती है तो सुना जा सकता है।

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विशेष सचिव, पंचायती राज शाहिद मंजर अब्बास रिजवी की अगुवाई में आई टीम ने शासन के आदेश पर प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान मुरादाबाद के कुंदरकी और मूंढापांडे ब्लाकों की 20 ग्राम पंचायतों में हुए घपलों की जांच करके अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को सौंप दी है। जांच के दौरान तमाम गांवों में करोड़ों रुपये की खामियां मिली थीं। कहीं जगहोंं पर एमवी नहीं बनी थी। कई गांव में तो पुराने काम को नया दिखाकर भुगतान किए जाने की पोल खुल गई थी। कई गांवों में नियमों को दरकिनार करके भुगतान किए गए हैं। मनरेगा के कार्यों में भुगतान को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्राम पंचायतों में रिबोर, वाटर कूलर और अन्य विकास कार्यों में घपला हुआ है। शासन से आदेश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। वाटर कूलरों की खरीद में बड़ा घोटाला सामने आया है लेकिन, अभी तक शासन को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई नहीं हुई है। पहले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी जांच के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। लेकिन, वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी थी। अब कुंदरकी ब्लाक की ग्राम पंचायत रतनपुर कला के तत्कालीन सचिव सुरेंद्र सिंह और रामप्रकाश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर किया है। अधिवक्ता एसपी बी पांडेय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में वाद को पंजीकृत कर लिया है। हम जांच की खामियों को लेकर कोर्ट में गए हैं। जांच से पहले किसी सचिव को नोटिस नहीं दिया। जिन पर गबन का आरोप है उनके बयान भी लिखित में नहीं लिए गए। अधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रिट को निस्तारित कर दिया है।


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