सपा नेता उस्मान उल हक जेल से रिहा, हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे थे पूर्व विधायक
Samajwadi Party Leader Usman ul Haq हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उस्मान उल हक 13 साल बाद जेल से रिहा हो गए। उनका स्वागत करने के लिए पीपलसाना गांव में समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Samajwadi Party Leader Usman ul Haq : हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उस्मान उल हक 13 साल बाद जेल से रिहा हो गए। उनका स्वागत करने के लिए पीपलसाना गांव में समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
वर्ष 2000 में रंजिश में की थी हत्या
मुरादाबाद के भोजपुर के पीपलसाना गांव निवासी पूर्व विधायक उस्मान उल हक के परिवार की गांव के रहने वाले मोअज्जम के परिवार से रंजिश चल रही थी। 20 सितंबर 2000 को थाना मैनाठेर के गांव अल्लापुर भीकन गांव में रहने वाली अपनी बहन के घर से मोअज्जम मुरादाबाद आ रहे थे। इस दौरान मोअज्जम की गांगन तिराहा के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पूर्व विधायक समेत पांच लोगों को हुई थी उम्र कैद की सजा
आरोप यह था कि पीछे से आए पूर्व विधायक उस्मान उल हक और उनके साथियों ने मोअज्जम को गोली मारी थी। इस मामले में तहरीर के आधार पर उस्मान उल हक, अब्दुल अली, सलमान, मुनाजिर और अथर आदि को नामजद किया गया था। मुरादाबाद की एडीजी कोर्ट ने 2009 में उस्मान उल हक समेत पांच लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक की जमानत मंजूर की
हाईकोर्ट में पूर्व विधायक के अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी दी। अदालत ने सुनवाई के दौरान 13 साल चार महीने बाद उस्मान उल हक की जमानत मंजूर कर दी। मामले में मुकदमा मोअज्जम के भाई मुशर्रफ ने दर्ज कराया था। शनिवार को उस्मान उल हक की केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) से देर शाम 7:45 बजे रिहाई हुई।
जेल से बाहर आते ही हुआ जोरदार स्वागत
उनकी रिहाई होते ही जेल के गेट पर फूल मालाओं से स्वागत किया गया। पूर्व विधायक के भाई कामरान उल हक और फैजान उल हक के अलावा सपा पार्षद नसीम पाशा, बहनोई शानू आदि लोग वहीं पहुंच गए थे। रात तीन बजे पूर्व विधायक अपनी बहन के घर ज़िगर कालोनी पहुंचे। रविवार सुबह पूर्व विधायक पीपलसाना गांव स्थित अपने आवास पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।