ई रिक्शा चालक की मानवता को सलाम, सोशल मीडिया बना मददगार, महिला को बेटे संग अपनों से मिलाया Amroha News
अमरोहा जेएनएन। ई रिक्शा चालक की मानवता को सलाम है। वहीं सोशल मीडिया की मदद से मंदबुद्धि मां व मासूम बेटे को उनके अपने मिल गए।
अमरोहा, जेएनएन। ई रिक्शा चालक की मानवता को सलाम है। वहीं सोशल मीडिया की मदद से मंदबुद्धि मां व मासूम बेटे को उनके अपने मिल गए।
चार वर्षीय पुत्र रियांश को साथ लेकर अपने खेत से रास्ता भटक गई कविता
जनपद सम्भल के थाना असमोली के गांव आलिया नेकपुर निवासी खजान सिंह की पत्नी कविता मंदबुद्धि है। वह मंगलवार सुबह चार वर्षीय पुत्र रियांश को साथ लेकर अपने खेत से रास्ता भटक गई। घूमती फिरती वह हसनपुर पहुंच गई। गजरौला अड्डे पर वह एक ईरिक्शा में बैठ गई। ई रिक्शा चालक उसे शहर में जगह-जगह लिए फिरा लेकिन, वह अपने घर का पता नहीं बता सकी क्योंकि, बच्चा छोटा था वह भी अपना नाम पता नहीं बता रहा था।
विवश होकर रिक्शा चालक कोतवाली पहुंच गया
विवश होकर रिक्शा चालक कोतवाली पहुंच गया। प्रभारी आरपी शर्मा एवं कस्बा इंचार्ज मनोज कुमार ने महिला से नाम पता पूछने का काफी प्रयास किया। वह जिस मुहल्ले को कहते वह उसी मुहल्ले को अपना बता देती। पशोपेस में फंसी पुलिस ने मां बेटे का फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर वायरल कराया तो कुछ ही देर में उनका पता लग गया।
धार्मिक स्थलों से महिला व बेटे के बारे में कराए जा रहे थे घोषणा
महिला के जेठ चेतन सिंह व जेठानी उन्हें बेसब्री से ढूंढ रहे थे। गांवों में धार्मिक स्थलों से महिला व बेटे के बारे में घोषणा कराए जा रहे थे। सूचना मिलने पर देर रात वह कोतवाली पहुंच गए। अपनों को देख कर मंदबुद्धि महिला व उसके मासूम बेटे के चेहरे पर मुस्कान आ गई। मां बेटे के मिलने पर परिजनों ने भी राहत महसूस की। कस्बा इंचार्ज मनोज कुमार ने सुपुर्दगी लिखवा कर मां- बेटे को उनके सुपुर्द कर दिया।
ई रिक्शा चालक ने समझदारी और मानवता का परिचय दिया
मंदबुद्धि लोगों को देखकर अक्सर लोग बच जाते हैं लेकिन, फारूक नामक कस्बे के ई रिक्शा चालक ने मंगलवार रात को समझदारी और मानवता का परिचय दिया। वह ठंड से सिकुड़ रही महिला तथा चार वर्षीय मासूम को मंजिल तक पहुंचाने के लिए जुटा रहा। कस्बे के सभी मुहल्लों में उसने महिला को घुमाया कि शायद उसे अपना घर मिल जाए लेकिन, असफल होकर भी हिम्मत नहीं हारी वह महिला व बच्चे को लेकर कोतवाली पहुंच गया।
ठंड से बचाने के लिए उसने अपनी चादर बच्चे को ओढ़ा रखी थी
खास बात यह है कि ठंड से बच्चे को बचाने के लिए उसने अपनी चादर बच्चे को ओढा रखी थी। कोतवाल आरपी शर्मा ने उसकी मानवता को देखकर पांच सौ रुपये का इनाम दिया। बाद में महिला के जेठ पुलिस विभाग के हेड मुहर्रिर चेतन सिंह ने भी ई रिक्शा चालक को एक हजार का इनाम देकर उसकी पीठ थपथपाई।