बोले किसान-फसल के दाम तय करने का मिलता अधिकार तो और भी अच्छा होता बजट Rampur News
किसान नल सिंह का कहना है कि किसानों के खातों से हर छह महीने पर फसल बीमा के नाम पर पैस काटा जाता है लेकिन फसल नष्ट होने पर उन्हें बीमे का लाभ नहीं मिल पाता।
रामपुर, जेएनएन। हर साल बजट आने पर सबकी नजर किसानों को लेकर किए जाने वाली घोषणाओं पर रहती है। किसानों को भी तमाम उम्मीदें सरकार से लगी रहती हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही था। सरकार ने भी बजट में किसानों की आय को दोगुना करने के वादे को निभाने की दिशा में काफी प्रयास किया है। इसको लेकर किसानों की मिली जुली राय सामने आई है। किसी को बजट पसंद आया है तो कोई इससे नाखुश भी है। कुल मिला कर किसानों का कहना है कि यदि फसल के दाम चुनने का अधिकार उन्हें मिलता तो और भी अच्छा होता।
16 सूत्रीय है योजना
बजट में सरकार ने किसानों की भलाई के लिए 16 सूत्रीय योजना बनाई है। कुसुम योजना को लांच किया गया है, जिसके अंतर्गत 20 लाख किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाए जाएंगे। सरकार ने बजट में 2025 तक दूध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा 2020-21 में सरकार ने 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। 2022 तक 200 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके साथ ही सरकार ने दालों की खेती और लघु ङ्क्षसचाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही है।
सराहनीय है कुसुम योजना
कुसुम योजना सराहनीय है, लेकिन कुछ भी ऐसा नहीं किया गया, जिससे किसानों को फसल के पूरे दाम मिल सकें। अगर इस पर भी काम किया होता तो और भी अच्छा होता। फसल का दाम तय करने का अधिकार किसानों को मिलना चाहिए था। फिर भी बजट में किसानों के लिए बहुत कुछ है, जो सराहनीय है।
-आदेश शंखधार
किसानों को खत्म करना चाहती है सरकार
सरकार किसानों की आमदनी को दो गुना करने की बात कर रही है, जबकि असल में वह किसानों को खत्म करना चाहती है। वहीं बीज, डीजल व खाद के रेट बढ़ा दिए गए हैं। फसल का दाम सही नहीं दिया जा रहा है। सोलर ऊर्जा फ्लॉप शो बन रही है। इसके स्थान पर बिजली सस्ती की जानी चाहिए थी।
-हसीब अहमद
बजट में नहीं कुछ विशेष
सरकार ने देश में सत्तर प्रतिशत किसानों के हिसाब से बजट में कुछ विशेष नहीं दिया है। उसके बावजूद किसानों की आय बढ़ाने के लिहाज से काफी कुछ किया गया है, जिससे हमें काफी लाभ होगा।
-प्रवेंद्र ङ्क्षसह गंगवार, किसान
सरकार का सराहनीय कदम
सरकार ने बजट के रूप में देश हित में किसानों को जो सौगात दी है, वह सराहनीय है। लेकिन सरकार को कुछ ऐसे कदम भी उठाने चाहिए थे, जिससे किसानों को सरकार की ओर मदद के लिए हाथ नहीं फैलाना पड़े।
-रमेश चंद्र गंगवार
दाम को लेकर उठाने चाहिए उचित कदम
सरकार को फसलों के दाम को लेकर उचित कदम उठाना चाहिए था। यदि फसल का पूरा दाम, वह भी सही समय पर मिलना शुरू हो जाए तो उसकी हालत कभी कमजोर नहीं हो सकती। जब देश का किसान मजबूत होगा तब ही देश मजबूत हो सकता है।
- इदरीस अहमद