जिला अस्पताल में बांटे सड़े सेब, मरीज बोले, खाकर से हम हो जाएंगे बीमार
जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में गुरुवार को रोगियों को सड़े सेब बांट दिए गए। रोगी और तीमारदारों ने इसका विरोध किया तो वितरण करने वाले कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार किया।
मुरादाबाद (जेएनएन): जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में गुरुवार को रोगियों को सड़े सेब बांट दिए गए। रोगी और तीमारदारों ने इसका विरोध किया तो वितरण करने वाले कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार किया। शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन ने आपूर्ति करने वाली एजेंसी के संचालक को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
सरकारी अस्पताल में भर्ती रोगियों के खाने की व्यवस्था है। किस रोगी को क्या खाना दिया जाना है? किसके लिए डायटीशियन तैनात है। प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर रोगी को खाना उपलब्ध कराने के लिए एजेंसी तैनात है। खाने की गुणवत्ता खराब नहीं हो, इसके लिए डायटीशियन खड़े होकर रोगियों का खाना तैयार कराती हैं। प्रत्येक रोगी को सुबह व शाम सेब व दूध देना अनिवार्य है। इसके बाद भी डायटीशियन की राय पर रोगियों को अलग-अलग पका हुआ खाना दिया जाता है।
एक सप्ताह से दिए जा रहे सेब
पिछले एक सप्ताह से रोगियों को सड़े सेब दिए जा रहे हैं। सेब देखने पर ठीक होते हैं, लेकिन अंदर सड़े निकल रहे है। मरीज एवं तीमारदारों की मानें तो एजेंसी संचालक बढिय़ा सेब के बजाय कम कीमत वाले सेब का वितरण कर रही है।
भड़के रोगियों ने खाने की बजाय काटकर रख दिए सेब
शुक्रवार को हड्डी वार्ड में भर्ती रोगियों को जब फल बांटे तो किसी मरीज ने नहीं खाए और काट कर वहीं रख दिए। रोगियों से अभद्र व्यवहार किया और बढिय़ा सेब देने से इन्कार कर दिया। रोगियों ने शिकायत अस्पताल प्रशासन से की। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि एजेंसी संचालक को चेतावनी दी है और खाने की जांच करने वाले चिकित्सकों को खाने पर निगरानी रखने का आदेश दिया है।
विरोध पर अभद्र व्यवहार किया
वार्ड में भर्ती मरीज राजकुमार ने बताया को बढिय़ा सेब देने के बजाय घटिया स्तर का सेब दिया जाता है। सेब बांटने वाले कर्मचारी ने सेब बदलने के बजाय अभद्र व्यवहार किया।
शिकायत कर दो, नहीं होगा कुछ
राकेश कुमार ने कहा कि सेब बांटने वाले कर्मचारी बोले कि कहीं भी शिकायत कर दो। उसका कुछ नहीं होने वाला है। सभी को सेब के बारे में जानकारी है।
सड़े फल खाने से होती बीमारी
-उल्टी दस्त हो सकते हैं।
-पीलिया फैलने का खतरा।
-सड़े फल के जीवाणु से पेट की अन्य बीमारी फैलाते हैं।
-रोग से लडऩे की क्षमता कम होती है।
प्रतिदिन 40 किलो सेब रोगियों को दिए जाते हैं
जिला अस्पताल में 150 रोगी भर्ती हैं। प्रत्येक रोगी को प्रत्येक दिन ढ़ाई सौ ग्राम सेब और आधा लीटर दूध अनिवार्य शुरू से दिया जाता है। जिला अस्पताल में प्रत्येक दिन 40 किलो सेब रोगियों में बांट दिए जाते हैं। जबकि 75 लीटर दूध का वितरण किया जाता है। रोगी को सुबह शाम चाय देने की व्यवस्था है।