पहले करोड़ों कर दिए खर्च अब हिसाब देने में छूट रहे पसीने
सम्भल के बहजोई में ग्राम प्रधानों ने ग्राम निधि के करोड़ों रुपये खर्च कर दिए।
मुरादाबाद (मनमोहन वाष्र्णेय) : सम्भल के बहजोई में ग्राम प्रधानों ने ग्राम निधि के करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिए, अब हिसाब देने में पसीने छूट रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 को खत्म हुए पांच महीने बीत चुके हैं। अभी तक 556 ग्राम पंचायतों में से 309 ग्राम पंचायतें ही हिसाब दे पाईं हैं।
सात साल पहले दूसरी थी व्यवस्था
सात साल पहले ग्राम प्रधानों को शासन से सीधे धनराशि दी जाती थी। वह अपनी मर्जी से इसे खर्च कर देते थे। लेकिन 2011 से सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया। ग्राम निधि की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रिया सॉफ्ट व एक्शन प्लान नाम के दो साफ्टवेयर शुरु किए। इसमें प्रिया सॉफ्ट पर वित्तीय वर्ष खत्म होने पर उस साल के खर्च का पूरा ब्यौरा दिया जाता है। जबकि दूसरे एक्शन सॉफ्ट पर नए साल की कार्य योजना अपलोड होती है।
नहीं दे रहे हिसाब
2017-18 को खत्म हुए पांच माह का समय बीत चुका है। लेकिन अब तक 309 ग्राम प्रधान एवं सचिव ही पंचायतों का हिसाब दे पाए हैं। 247 ग्राम पंचायतों के बारे में नहीं पता कि उन्होंने धनराशि कहां खर्च की है।
खाता रोकने की होगी कार्रवाई
अब पंचायत राज विभाग ने ऐसे प्रधानों की सूची तैयार कर ली है। इनके खिलाफ नोटिस जारी हो रहे हैं। अगर 31 अगस्त 2018 तक यह हिसाब नहीं देते हैं तो इनके ग्राम पंचायत निधि का खाता बंद करने की कार्यवाही की जाएगी। सचिवों के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
कार्ययोजना अपलोड करने में भी पीछे
ग्राम प्रधानों को अपने गांव में होने वाले विकास कार्यो की कार्ययोजना भी अपलोड करनी होती है। इसके लिए शासन स्तर से एक्शन प्लान नाम का एक सॉफ्ट वेयर संचालित है।
एक भी क्षेत्र पंचायत ने नहीं दिया हिसाब
जिले में आठ ब्लाक प्रमुख हैं, लेकिन अभी तक एक भी ब्लाक प्रमुख ने प्रिया सॉफ्ट पर अपने हिसाब का ब्यौरा नहीं दिया है। अब पंचायत राज विभाग की तरफ से इन्हें भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। एक ब्लाक प्रमुख को करीब पचास लाख से अधिक की धनराशि सालाना मिलती है। इन पंचायतों ने नहीं दिया हिसाब
बहजोई की तीन, बनियाखेड़ा एवं आशिक बिलारी की 20, असमौली की 42, गुन्नौर की 44, जुनवाई की 25, पंवासा की 42, रजपुरा की 22, सम्भल की 19 पंचायतें अब तक हिसाब नहीं दे पाई हैं।
की जाएगी कार्रवाई : सीडीओ
जिन पंचायतों ने लेखा जोखा अपलोड नहीं किया है। उन पंचायतों के ग्राम प्रधानों एवं सचिवों पर एक सितम्बर से विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शम्भू नाथ तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी सम्भल। अधिक पुराना नहीं होगा निष्पादन अनुदान का दावा : डीपीआरओ
14वें वित्त आयोग के निष्पादन अनुदान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए ग्राम पंचायतों को 31 अगस्त तक आवेदन करने के साथ ही निष्पादन अनुदान वित्तीय वर्ष से पिछले दो वर्षों से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। जिसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के चलते डीपीआरओ ने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। ।
राजस्व में दर्शानी होगी बढ़ोतरी
14वें वित्त आयोग के निष्पादन अनुदान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए जनपद की ग्राम पंचायतों को उस वर्ष के संपरीक्षित लेख प्रस्तुत करने होंगे। जिसमें ग्राम पंचायतों ने कार्य निष्पादन अनुदान का दावा प्रस्तुत किया है, से पिछले दो वर्षो से अधिक पुराने न हों। ग्राम पंचायतों को पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में अपने राजस्व में बढ़ोतरी दर्शानी होगी। कार्य निष्पादन अनुदान के वर्ष में ग्राम पंचायत विकास योजना जीडीपी को पूरा करना तथा प्लान-प्लस पोर्टल पर अपलोड करना होगा। कार्य निष्पादन अनुदान का दावा किए जाने वाले वर्ष के पूर्व वर्ष 2016-17 का 14वां वित्त आयोग अनुदान का कार्यवार व्यय पंचायतीराज मंत्रालय के डैश बार्ड, वेबसाइट पर दर्शाना होगा। निष्पादन अनुदान वर्ष 2017-18 के आवेदन हेतु समस्त विकास खण्डों में सहायक विकास अधिकारी पंचायती द्वारा समस्त प्रधानों की बैठक आयोजित कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। त्रिसदस्सीय समिति ग्राम पंचायतों की सूचना की सत्यता व अभिलेखों, साक्ष्यों का परीक्षण करेगी। पात्र ग्राम पंचायतों के प्राप्तांक की सूची पोर्टल पर अपलोड कर निदेशक पंचायती राज लखनऊ को उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके तहत ग्राम पंचायतों से 31 अगस्त तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। एक से 15 सितम्बर तक जनपद स्तर पर सूचियों का परीक्षण एवं अर्ह ग्राम पंचायतों की सूची तैयार की जाएगी। 16 से 25 सितम्बर तक जनपद से प्राप्त प्राप्त प्रस्तावों को निदेशालय स्तर पर परीक्षण एवं सूचियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
निदेशक को भेजी जाएगी सूची : जिला पंचायत राज अधिकारी
14वें वित्त आयोग के निष्पादन अनुदान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए ग्राम पंचायतों से 31 अगस्त तक आवेदन मांगे गए हैं। अभिलेखों एंव साक्ष्यों का परीक्षण कर अर्ह एवं पात्र ग्राम पंचायतों के प्राप्तांक की सूची पोर्टल पर अपलोड कर निदेशक पंचायती राज उप्र को भेजी जाएगी।
जाहिद हुसैन, जिला पंचायत राज अधिकारी, सम्भल।