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तत्काल तीन तलाक में दर्ज होनी लगी रिपोर्ट, रामपुर की शरई अदालत में नहीं आया कोई मामला Rampur News

तत्काल तीन तलाक के मामले में थाने में पीडि़ताओं को न्याय मिलने लगा है। अब तक रामपुर में दर्ज 24 केस इसकी गवाही दे रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 01:28 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:10 AM (IST)
तत्काल तीन तलाक में दर्ज होनी लगी रिपोर्ट, रामपुर की शरई अदालत में नहीं आया कोई मामला Rampur News
तत्काल तीन तलाक में दर्ज होनी लगी रिपोर्ट, रामपुर की शरई अदालत में नहीं आया कोई मामला Rampur News

रामपुर(मुस्लेमीन)। तत्काल तीन तलाक का कानून बनने के बाद पीडि़त महिलाओं को इंसाफ मिलने लगा है। थाने में उनकी रिपोर्ट दर्ज हो रही है और उत्पीडऩ करने वालों को जेल भी भेजा जा रहा है। इससे पहले तीन तलाक के बाद महिलाएं भटकती रहती थीं। इसका श्रेय वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रही हैैं। पीएम के जन्मदिवस कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं की भीड़ इस बात की गवाही दे रही है।

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कानून बनने के 50 दिन में रामपुर में 24 मुकदमे दर्ज हुए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अब तीन तलाक पीडि़त महिलाएं थाने पहुंच रही हैं। जिले में अब तक 24 रिपोर्ट दर्ज हुई हैैं और तीन आरोपित जेल भेजे गए हैं। 

शरई अदालत में नहीं पहुंच रहे मामले

तत्काल तीन तलाक के मामले शरई अदालत में पहुंचते थे लेकिन, अब ऐसा नहीं है। रामपुर की शरई अदालत के मुफ्ती मुहम्मद मकसूद कहते हैं कि कानून बनने के बाद तीन तलाक का कोई मामला आया भी नहीं है।

हलाला के बावजूद मिल जाता था तीन तलाक

अजीमनगर थाने के डोंकपुरी टांडा गांव में महिला को दो बार तीन तलाक का दंश झेलना पड़ा। वह बताती हैं कि उसका निकाह साढ़े चार साल पहले मुहम्मद फरमान के साथ हुआ था। आरोप है कि पति उस पर शक करने लगा और मारपीट करता था। दो साल पहले उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। पंचायत हुई तो पति ने उसे दोबारा अपनाने की हामी भर ली। उसको तीन माह 13 दिन की इद्दत करनी पड़ी। इसके बाद महिला का जेठ के साथ हलाला कराया गया। हलाला के बाद महिला को फिर तीन माह 13 दिन की इद्दत पर बैठना पड़ा। उसके बाद पति के साथ दोबारा निकाह हुआ लेेकिन पति, की शक करने की आदत नहीं बदली। 17 सितंबर को उसे बेल्ट से पीटा और फिर तीन तलाक दे दिया। महिला की शिकायत पर पति और जेठ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया। 

एक अगस्त को बना कानून 

22 अगस्त, 2017 को देश की सबसे बड़ी अदालत ने तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया। केंद्र सरकार बिल लेकर आई तो राज्यसभा में पास नहीं हो सका। इसके बाद मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई तो 30 जुलाई को बिल राज्यसभा से भी पास हो गया। एक अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया। 


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