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बड़े काम की है रामपुर की रजा लाइब्रेरी, घर बैठे ही शोधकर्ताओं को दे रही ज्ञान

Raza Library Rampur तुर्की से भी स्कालर ने इतिहास के बारे में जानकारी चाही। उन्हेंं भी सोशल मीडिया के जरिये उपलब्ध करा दी गई। लोग यहां की किताबों में खासा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 11:50 AM (IST)
बड़े काम की है रामपुर की रजा लाइब्रेरी, घर बैठे ही शोधकर्ताओं को दे रही ज्ञान

रामपुर (मुस्लेमीन)। किताबी खजाने के लिए दुनियाभर में मशहूर रजा लाइब्रेरी अब शोधकर्ताओं को मुफ्त में आनलाइन ज्ञान बांट रही है। इस लाइब्रेरी में अनमोल किताबी खजाना है। इसकी खोज में देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी शोधकर्ता रामपुर आते रहे हैं। लेकिन, कोरोना काल में पाठकों के लिए लाइब्रेरी बंद है। ऐसे में शोधकर्ता यहां आने के बजाय लाइब्रेरी अफसरों से संपर्क साध रहे हैं। जरूरी साहित्य आनलाइन मंगा रहे हैं। उन्हेंं अब सब कुछ घर बैठे ही मुफ्त में मिल रहा है। सोने के पानी से लिखी रामायण की डिमांड सबसे ज्यादा है। लोग इसके शुरूआती पन्ने खूब मंगा रहे हैं।

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रजा लाइब्रेरी के किताबी खजाने में 17 हजार पांडुलिपियां और 60 हजार किताबें हैं। इनमें हजरत अली के हाथ से हिरन की खाल पर लिखी कुरआन है तो सुमेर चंद की फारसी में सोने के पानी से लिखी रामायण। कोरोना काल में रजा लाइब्रेरी में पाठकों के प्रवेश पर पाबंदी लगी है। हालांकि लाइब्रेरी खुल रही है। लाइब्रेरी अधिकारी अबु साद इस्लाही बताते हैं कि लाइब्रेरी में सालभर में करीब 50 हजार लोग आते हैं। इनमें 350 शोधकर्ता शामिल हैं। इनमें भी 29 से ज्यादा विदेशी आते हैं। वे यहां इस्लामिक फिलासफी व इतिहास की खोज करते हैं। अब फोन व सोशलमीडिया के जरिये संपर्क कर रहे हैं। हाल ही में कनाडा के डॉ. तकी आबदी ने मशहूर शायर मिर्जा गालिब से जुड़े साहित्य के बारे में जानकारी चाही। उन्हेंं किताब के पन्नों के फोटो कराकर वाट्सएप से भेज दिए गए।

सोशल मीडिया बनी जरिया

लाइब्रेरी के निदेशक का कार्यभार भी देख रहे जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना काल में लोग किताबी खजाने का लाभ उठाते रहें, इसके लिए लाइब्रेरी ने ऑनलाइन व्यवस्था की है। वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोगों को घर बैठे ही अच्छी सामग्री पढऩे को मिल रही है। शोध कर्ताओं को भी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। सोशल मीडिया के जरिए फेसबुक और ट्विटर पर रामपुर रजा लाइब्रेरी के पेज पर जाते ही सबकुछ मिल रहा है। रामपुर के इतिहास के साथ ही रामपुर के साहित्यकारों और शायरों के बारे में जानकारी मुहैया कराई जा रही है।

आन्जनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी


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