दुनिया में नवाबी धरोहरों से है रामपुर की पहचान, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
रामपुर के नवाब खानदान का कई वर्षों तक अलग रुतबा रहा है। रामपुर में कई ऐसे भवन आदि नवाब खानदान की देन हैं जिनकी खासियत जानने के दिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
रामपुर। सेंटर फॉर हिस्टोरिक हाउसेज की ओर से जूम एप के माध्यम से कार्यक्रम किया गया। इसमें रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और जर्मनी के डॉ. रज्जाक खां ने हिस्सा लिया। दोनों के मध्य हुए व्यख्यान में रामपुर रियासत की यादों पर चर्चा की गई।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां ने नवाबों द्वारा बनवाए भवनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कोठी शाहबाद, बदरे मुनीर, खासबाग पैलेस, हामिद मंजिल, रंग महल और मछली भवन के बारे में उन्हें बताया। कहा कि नवाबी दौर में सिर्फ निर्माण में ही नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार, कला और संस्कृति में भी रामपुर बहुत आगे था। कानपुर के बाद रामपुर में सबसे आधिक कारखाने थे।
रजा लाईब्रेरी इस रियासत की ऐसी धरोहर है जिस पर हर रामपुरवासी को गर्व है। उन्होंने बताया कि रामपुर के नवाब धर्मनिरपेक्ष थे। इस मुस्लिम रियासत के हर सदस्य की जन्मपत्री बनती थी। नवाब रजा अली खां संगीतकार थे। नवेद ने कहा कि यहां की धरोहरों से उन्हें लगाव है और वह इनके संरक्षण के लिए हमेशा कोशिश करते रहेंगे। डॉक्टर रज्जाक खां ने नवाबों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि व्याख्यान में शामिल रहे डॉ. रज्जाक खां द्वारा रामपुर से सम्बंधित एक पुस्तक भी लिखी गई है, जिसको ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस प्रकाशित करेगी। व्याख्यान का संचालन ओपी ¨जदल यूनिवर्सिटी सोनीपत की सेलोनीयरे केपरीसियुजे ने किया।