Protest Against Monetisation Policy : नरमू के सदस्यों ने लिया संकल्प, कहा-कोई भी कर्मचारी बेचने नहीं देगा रेलवे की सम्पत्ति
Protest Against Monetisation Policy नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन (नरमू) के सदस्यों ने बुधवार को रेलवे के मुद्रीकरण नीति के खिलाफ प्रदर्शन व गेट मीटिंग की। नरमू के सदस्यों ने संकल्प लिया कि किसी भी हालत में रेलवे की सम्पत्ति नहीं बेचने देंगे।
मुरादाबाद, जेएनएन। Protest Against Monetisation Policy : नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन (नरमू) के सदस्यों ने बुधवार को रेलवे के मुद्रीकरण नीति के खिलाफ प्रदर्शन व गेट मीटिंग की। नरमू के सदस्यों ने संकल्प लिया कि किसी भी हालत में रेलवे की सम्पत्ति नहीं बेचने देंगे। रेलवे स्टेशन परिसर में आयोजित गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे की सम्पत्ति को बेचने के लिए मुद्रीकरण नीति बनाई है। जिसके तहत देश भर के चार सौ रेलवे स्टेशन, 15 रेलवे स्टेडियम, 256 गुड्स शेड, 741 किलोमीटर रेल मार्ग, 673 किलो मीटर डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर, 14 सौ किलोमीटर ओएचई लाइन, रेलवे कालोनी, चार पर्वतीय रेलवे, रेलवे अस्पताल को निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार की इस नीति के विरोध में देश भर के रेलवे कर्मचारियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है और सरकार से मुद्रीकरण नीति वापस लेने की मांग कर रहेे है। सरकार के साथ रेलवे अधिकारी भी मनमानी पर उतर आए हैं। रेलवे के नियम के विरोध में आदेश जारी किया जा रहा है। रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बल्कि सहायक चालक से गार्ड की ड्यूटी करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश पूरी तरह से असंवैधानिक है।
सहायक चालक को गार्ड की ड्यूटी करने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है और उसके पास गार्ड के अधिकार का प्रयोग करने का कोई अधिकार नहीं हैं।ऐसे में कोई ड्यूटी करते समय कोई अनहोनी हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी ने नियम के विरुद्ध सहायक चालक से गार्ड की ड्यूटी कराने का प्रयास किया तो नरमू आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा, मंडल मंत्री राजेश चौबे, सहायक महामंत्री एमपी चौबे, आरके बाली, सुहैल खालिद, विजयंत शर्मा, खेमपाल सिंह प्रमुख रुप से उपस्थित थे।