Normal delivery:कोरोना के खौफ से नार्मल होने लगे प्रसव,डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिलाओं को नहीं हो रही परेशानी Moradabad News
47सिजेरियन डिलीवरी हुई हैं अप्रैल माह में। अस्पतालों में 1928 हुए नार्मल प्रसव।प्रसव पीड़ा में आने वाली गर्भवती की चिकित्सकों ने कराई नार्मल डिलीवरी।
मुरादाबाद,जेएनएन। कोरोना का खौफ आमजन ही नहीं, डॉक्टरों पर भी दिख रहा है। इसका गर्भवतियों को लाभ भी मिल रहा है। जहां पहले निजी अस्पतालों में भर्ती हर दूसरी गर्भवती की सिजेरियन डिलीवरी होती थी, वो अब नॉर्मल होने लगी है। अप्रैल, मई और जून में 1,928 डिलीवरी नार्मल हुई हैं। गर्भवती महिलाओं को इसका पूरा फायदा मिला है। डिलीवरी के दौरान भी उन्हेंं किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है।
नार्मल डिलीवरी केस
चक्कर की मिलक के रहने वाले मुहम्मद शमशाद की पत्नी को फरवरी माह में डॉक्टर ने उनकी पत्नी का सीजर बताया था। खून की कमी थी। ब्लड प्रेशर भी गड़बड़ कर रहा था। 16 जून को जब प्रसव पीड़ा हुई तो परिवार के लोग निजी अस्पताल ले गए। वहां कोविड-19 की जांच के बारे में पूछा गया लेकिन, वो जांच 4500 रुपये की होने की वजह से वो नहीं करा पाए। प्रसव पीड़ा अधिक होने पर चिकित्सक ने नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास किया। महिला ने बेटी को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा सकुशल हैं। नॉर्मल डिलीवरी से मियां-बीवी खुश हो गए।
तीन माह में डिलीवरी का विवरण
2019-20 में नार्मल डिलीवरी, 18, 581
2019-20 में सिजेरियन डिलीवरी 1,376
अप्रैल 2020, नार्मल डिलीवरी 635
अप्रैल 2020, सिजेरियन डिलीवरी, 49
मई 2020, नार्मल डिलीवरी, 884
मई 2020, सिजेरियन डिलीवरी, 41
जून 20 तक 20220, नार्मल 409
जून 20 तक 20220, सिजेरियन, 39
गर्भवती महिलाओं को हुआ लाभ
सीएमओ डॉक्टर एमसी गर्ग ने बताया कि लॉकडाउन में सिजेरियन के बजाय नॉर्मल प्रसव अधिक हुए हैं। डॉक्टरों ने उन गर्भवती महिलाओं को ही अटैंड किया है, जिनके प्रसव का समय आ गया था। इसका गर्भवती महिलाओं को लाभ मिला है। सरकारी और निजी अस्पतालों में यही हाल रहा। विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों ने ने भी सिजेरियन की बजाय नॉर्मल डिलीवरी पर ही ध्यान दिया है।