Move to Jagran APP

ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी के ल‍िए स‍ियासी प‍िच तैयार, दिग्गजों ने बहुमत जुटाने के ल‍िए झोंकी ताकत

सम्‍भल में प्रथम नागरिक की कुर्सी के सपने साकार करने की बात हो या फिर ब्लाकों में क्षेत्र पंचायत प्रमुख पर वर्चस्व की लड़ाई मैदान मारने के लिए सियासी पिच तैयार हो चुकी है। ख़िलाडियों के चयन के लिए पक्ष व विपक्ष की टीमें मैदान में होंगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 04:30 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रमुख की कुर्सी को बिछने लगी बिसात।

मुरादाबाद, जेएनएन। सम्‍भल में प्रथम नागरिक की कुर्सी के सपने साकार करने की बात हो या फिर ब्लाकों में क्षेत्र पंचायत प्रमुख पर वर्चस्व की लड़ाई, मैदान मारने के लिए सियासी पिच तैयार हो चुकी है। ख़िलाडियों के चयन के लिए पक्ष व विपक्ष की टीमें मैदान में होंगी। फिलहाल दिग्गजों ने अपने बहुमत को जुटाने की कवायद शुरू कर दी है।

loksabha election banner

जिले के लगभग सभी ब्लाकों में प्रमुखी के लिए बीडीसी व जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सदस्यों से संपर्क जारी है। प्रलोभन का सहारा हो या फिर सियासत का वर्चस्व, खूब गोटियां बिछ रहीं हैं। जिला पंचायत के 35 और क्षेत्र पंचायत के 852 सदस्यों को मतदाता के रूप में पक्ष व विपक्ष में जुटाया जाएगा। संभावित उम्मीदवार अपने पाले में करने की जुगत में लग गए हैं। राजनीतिक दिग्गजों की दौड़ शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष भी ताकत झोंक चुका है। ऐसे में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों की लड़ाई दिलचस्पी होने वाली है। अभी तिथियां निर्धारित नहीं हैं। हालांकि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव व मतगणना होने के बाद तस्वीर साफ हो गई है। निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों व बीडीसी के यहां चक्कर काट रहे हैं। उन्हें तरह-तरह के वादे व मान-सम्मान का वादा कर अपने पाले में करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि चुनाव में उनका पलड़ा भारी रहे। जाहिर है कि किसी भी पद के लिए आधे से अधिक सदस्यों का समर्थन रहेगा तभी कुर्सी उसी के पाले में जाएगी।

वर्चस्व बचाने को दिग्गजों ने झाेंकी ताकत

नात-रिश्तेदारों के साथ ही जातीय कार्ड भी खेला जा रहा। ताकि उनका भरोसा बना रहे और ऐन वक्त पर पाला न बदलें। कई राजनीतिक दिग्गजों ने तो जिला पंचायत सदस्य पदों का आरक्षण बदलने के बाद अपने भरोसेमंद लोगों को चुनाव लड़ाया। उनके नामांकन से लेकर चुनाव जीतने तक सारा खर्च किया। कई क्षेत्रों में ऐसे उम्मीदवार जीतकर अपने आका के पाले में हैं। इनके बूते इस बार दिग्गजों ने जिले की राजनीति में अपना दबदबा कायम करने का मंसूबा पाल रखा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.