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पुलिस तय करेगी भोजपुर नगर पंचायत अध्यक्ष रहमत का शौहर कौन

मुरादाबाद के भोजपुर चेयरमैन रहमत जहां का शौहर विवाद की जांच करेगी पुलिस।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 11:30 AM (IST)
पुलिस तय करेगी भोजपुर नगर पंचायत अध्यक्ष रहमत का शौहर कौन

मुरादाबाद : नगर पंचायत भोजपुर धर्मपुर की चेयरमैन रहमत जहां का शौहर होने की दावेदारी करने का मामला और उलझ गया है। अदालत द्वारा पूर्व चेयरमैन शफी अहमद के खिलाफ समेत चार के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश से अब पुलिस जांच साबित करेगी असली शौहर कौन। हालांकि कानून के जानकार इस केस को बेहद हल्का मान रहे हैं। उत्तराखंड के काशीपुर में गांव बाबर खेड़ा निवासी नसीम अंसारी के प्रार्थनापत्र पर जसपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद ने थाना कुंडा पुलिस को भोजपुर के पूर्व चेयरमैन शफी अहमद, उनके बहनोई नईम चौधरी, भाई जिले हसन एवं साथी मतलूब के खिलाफ रहमत जहां और दो बच्चो का अपहरण करने एवं बंधक बनाकर जबरन निकाह करने के आरोप में केस दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद सुबह से समर्थकों का तांता उनके आवास पर लगा रहा। चेयरमैन ने समर्थको को भरोसा दिया है कि कानून पर विश्वास रखें। देते रहे। दरअसल, नगर पंचायत पूर्व चेयरमैन शफी अहमद का क्षेत्र में अच्छा रसूख है। रहमत जहां ने भी अपने कार्यो से लोगों को प्रभावित किया है। यह मामला कस्बे के साथ आसपास के क्षेत्रों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

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मैं शफी की पत्नी : रहमत जहां

नगर पंचायत भोजपुर धर्मपुर की चेयरमैन रहमत जहां अपने शौहर पूर्व चेयरमैन शफी अहमद के खिलाफ बंधक बनाने के आरोप में मुकदमा लिखने के आदेश होने पर उनके बचाव में आ गई हैं। रहमत का कहना है कि कहा कि मैंने पूर्व चेयरमैन से निकाह किया है और अपनी मर्जी से भोजपुर में रह रही हूं। मेरा या मेरे बच्चों का किसी ने अपहरण नहीं किया और न ही किसी ने उन्हें बंधक बनाया है। नसीम के आरोप बेबुनियाद हैं। वर्ष 2006 में उन्होंने बाबरखेड़ा निवासी नसीम अंसारी से विवाह किया था। विवाह के बाद नसीम में शराब की लत पड़ गई। उसने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी। बच्चों के साथ भुखमरी में दिन गुजरने के बाद भी चैन नहीं मिला। शराब का विरोध करने परनशे में नसीम ने वर्ष 2010 में उन्हें तलाक दे दिया। इसके बाद से वह दो बच्चों के साथ पिता के घर गांव सरवरखेड़ा में आकर रहने लगी थी। वर्ष 2011 में भोजपुर निवासी शफी अहमद से निकाह करने के बाद भी मायके में रहीं। अध्यक्ष की सीट पिछड़ी जाति में आरक्षित होने पर चुनाव लड़कर चेयरमैन चुनी गई। लालच में नसीम ने बच्चों से हमदर्दी शुरू कर दी। परेशान करने की लिए अदालत में वाद दायर कर दिया है। तलाक होने के बाद नसीम से उनका कोई संबंध नही है।

मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा : शफी

पूर्व चेयरमैन और रहमत जहां के शौहर शफी अहमद उर्फ बाबू का कहना है कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। मुझे न्याय अवश्य मिलेगा। रहमत जहां मेरी पत्नी है, तीन फरवरी 2011 को रहमत से निकाह किया है। रहमत जहां और उसके बच्चों का अपहरण करके बंधक बनाने की बात झूठी है। नसीम को पहले से मैं जानता भी नहीं हूं। नसीम ने ब्लैकमेलिंग कर रुपये ऐंठने के लिए अदालत में वाद दायर किया है।

छीन लिया मेरी पत्नी को

नसीम अंसारी ने बताया कि व्यापार में नुकसान होने के बाद आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था। इसी का शफी अहमद ने फायदा उठा लिया और मुझसे मेरी पत्नी और बच्चे छीनकर ले गया। अदालत का आदेश सच्चाई की जीत है। पत्नी एवं बच्चों को हासिल करने के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगा।


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