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अमरोहा में अब पुलिस लड़ेगी अपराध पीड़ित महिलाओं की जंग

आम तौर पर सीधेसादे लोगों से टेढ़ी जुबान में बात करने वाली खाकी अब नये कलेवर में नजर आएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 12:02 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 12:02 PM (IST)
अमरोहा में अब पुलिस लड़ेगी अपराध पीड़ित महिलाओं की जंग
अमरोहा में अब पुलिस लड़ेगी अपराध पीड़ित महिलाओं की जंग

मुरादाबाद (अनिल अवस्थी)। आमतौर पर सीधे सादे लोगों से टेढ़ी जुबान में बात करने वाली खाकी अब नए कलेवर में नजर आएगी। अपराध पीड़ित महिलाओं के साथ अब वह थाने से लेकर न्यायालय की चौखट तक कदमताल करेगी। उन्हें न सिर्फ इंसाफ दिलाएगी बल्कि समाज कल्याण विभाग समेत अन्य महकमों से संपर्क कर सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से भी मदद करेगी। इसके लिए अमरोहा जिले के पुलिस अधीक्षक के दफ्तर में नारी उत्थान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। पारिवारिक कलह से जुड़े होते हैं अधिकांश मामले

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मौजूदा समय में थानों से लेकर पुलिस अफसरों तक पहुंचने वाली कुल शिकायतों में करीब 75 फीसद मामले पारिवारिक कलह से जुड़े होते हैं। ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए पुलिस का पहला प्रयास समझौते का होता है। वहीं दोनों पक्षों की काउंसि¨लग के लिए पुलिस लाइन में परिवार परामर्श केंद्र भी स्थापित किया गया है। दोनों पक्षों में बात न बनने पर अमूमन पुलिस महिला को टरका देती है। पीड़िता के अफसरों की चौखट तक पहुंचने पर कुछ मामलों में मुकदमा दर्ज हो जाता है, लेकिन इसके बाद मामले की कोई सुध नहीं लेता। पीड़िताओं के मेडिकल परीक्षण से लेकर कोर्ट के चक्कर काटने तक बेबसी में वह टूट जाती हैं। महिलाएं इधर-उधर धक्के खाने को मजबूर रहती है। ऐसी दशा में कई बार वह शातिरों के शोषण का शिकार भी हो जाती हैं। स्थापित किया जा रहा नारी उत्थान केंद्र ऐसी सभी दुश्वारियों से बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने नई परिकल्पना के साथ अपने ही दफ्तर में नारी उत्थान केंद्र स्थापित करा रहे हैं। इसमें एक महिला प्रभारी के साथ आठ-दस महिला दारोगा व कांस्टेबल तैनात की जाएंगी। केंद्र से महिलाओं से संबंधित एनजीओ, समाज कल्याण विभाग, महिला चिकित्सक व प्रोबेशन अधिकारी को भी जोड़ा जाएगा।

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ऐसे पहुंचाई जाएगी मदद

ससुराल में सताई जा रही बहू-बेटी के अलावा छेड़छाड़ या दुष्कर्म पीड़िता सीधे नारी उत्थान केंद्र पहुंचेगी। यहां महिला पुलिसकर्मी उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाएंगी। आवश्यकता के मुताबिक मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद संबंधित थाने में पीड़िता का मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही मामले का पर्यवेक्षण भी यहीं से किया जाएगा। चार्जशीट दाखिल होते ही मामले की पैरवी कराई जाएगी। समाज कल्याण विभाग से निर्धारित मानकों पर आर्थिक मदद मुहैया कराने के साथ ही एनजीओ से भी मदद दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।

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आइजी की प्रेरणा ने दिखाया रास्ता

पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि बढ़ते महिला अपराधों को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक बिनोद कुमार ने पीड़िताओं की मदद के लिए विशेष प्रयास करने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद ही नारी उत्थान केंद्र की स्थापना का विचार आया। उम्मीद है कि 15 दिनों में इस केंद्र पर अपराध पीड़िताओं के साथ हर पायदान पर महिला पुलिस खड़ी होगी।


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