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पुलिस देती ध्यान तो नहीं जाती पिता-भाई की जान

थाना मझोला के हनुमान नगर में शुक्रवार रात पिता किशनलाल वाल्मीकि।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 02:24 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 02:24 AM (IST)
पुलिस देती ध्यान तो नहीं जाती पिता-भाई की जान

मुरादाबाद, जेएनएन। थाना मझोला के हनुमान नगर में शुक्रवार रात पिता किशनलाल वाल्मीकि और भाई राजेश कुमार की हत्या के बाद गुड़िया दहशत में है। उनका कहना है कि दुश्मनों ने आखिर उसके पिता और भाई को मार ही डाला। पुलिस शिकायतों को गंभीरता से लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करती तो यह खूनी खेल नहीं होता। पुलिस ने ढिलाई के चलते दुश्मनों की हिम्मत बढ़ती गई। आरोपित परिवार उन्हें अच्छी नजर से नहीं देखते थे। उनका सामाजिक बहिष्कार सा कर रखा था। गुड़िया के अनुसार वारदात को अंजाम देने में पड़ोस में रहने वाले पाच सगे भाइयों के साथ ही करीब 12 से 15 लोग हैं। हालाकि, गुड़िया ने जो मुकदमा लिखाया है उसमें कहा है कि पड़ोसी उसके मानसिक रूप से कमजोर भाई राजेश उर्फ बिट्टंन को पागल कहकर चिढ़ाते थे। इसको लेकर झगड़ा होने पर आरोपितों ने पिता किशनलाल और भाई राजेश की हत्या कर दी। रात भर सड़कों पर भटकती रही गुड़िया

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गुड़िया ने बताया कि घर के बाहर ही भाई की खून से सनी शर्ट उसे रास्ते में पड़ी मिल गई। इसके बाद पूरी रात वह सड़कों पर भटकती रही। पहले जिला अस्पताल पहुंची, फिर पुलिस उसे थाने ले आई। जिला अस्पताल की मोर्चरी में अपने भाई की लाश देखने के लिए भी उसे काफी देर मशक्कत करनी पड़ी।

थाने पहुंची महिलाओं को सिपाही ने भगाया

हत्या के आरोप में गिरफ्तार संजय और मोती गंगवार के परिवार की महिलाएं थाना मझोला पहुंच गईं। महिलाओं का कहना था कि हत्या हमारे परिवार के लोगों ने नहीं की है। पहरे पर तैनात महिला सिपाही ने उन्हें भगा दिया। सीएम से लेकर चौकी तक की थी शिकायत

गुड़िया के मुताबिक उन्होंने थाने और चौकी से लेकर मुख्यमंत्री तक आरोपितों के खिलाफ शिकायती पत्र दिए। लेकिन, किसी ने एक नहीं सुनी। पुलिस के मुताबिक गुड़िया ने दिल्ली के युवक से लव मैरिज की थी और उसके पति की मौत हो चुकी है। चीखते रहे पिता-पुत्र, कोई बाहर नहीं निकला

हमले के दौरान पिता-पुत्र चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद के लिए घर से बाहर नहीं निकला। दोहरे हत्याकांड के बाद हनुमान नगर की गलियों में सन्नाटा पसर गया। आसपास के लोग भी मुंह खोलने को तैयार नहीं थे। इतनी बड़ी वारदात के बाद भी किसी ने घर से बाहर निकलकर मदद नहीं की। गुड़िया ने दी चिता को मुखाग्नि

भावदस के सर्वोच्च निदेशक लल्ला बाबू द्रविड़ की अगुवाई में समाज के लोगों ने घटना की निंदा की। लोकोशेड मोक्षधाम पर गुड़िया ने पिता और भाई की चिता को मुखाग्नि दी। रोबर्ट चौधरी, रवि द्रविड़, संजीव कुमार, धर्मेद्र मुल्तानी, विक्की बादशाह, एमपी मौर्य, कुक्कू चौधरी, अमित कुमार मौजूद रहे। वाल्मीकि समाज ने पुलिस की टेंशन बढ़ाई

दोहरे हत्याकांड में बाल्मीकि समाज के लोगों के पीड़ित परिवार के साथ खड़े हो जाने से पुलिस की टेंशन बढ़ गई है। वाल्मीकि समाज के अधिवक्ता का तर्क है कि किशनलाल तो घर में ही ईंटों से कूचकर हत्या कर दी गई, राजेश की अस्पताल में मौत हुई। ऐसे में गैरइरादतन हत्या का मुकदमा क्यों लिखा गया। दोनों की निर्मम हत्या हुई है। सीधा हत्या का मामला है।

किशनलाल के सबसे छोटे भाई भी हुई थी हत्या

गुड़िया ने बताया कि उसके पिता किशनलाल नगर निगम में संविदा पर सफाई कर्मी की नौकरी करते थे। उसके सबसे छोटे चाचा की भी आरोपितों के परिजनों ने हत्या करा दी थी। गुड़िया का आरोप है कि उसके पिता को आरोपितों ने एक बार छत से नीचे फेंक दिया था, जिसके बाद से वह दिव्यांग हो गए थे।


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