उर्दू गेट तोड़ने के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
आठ लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
रामपुर। उर्दू गेट तोड़े जाने के मामले में प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं सिचाई राज्य मंत्री बलदेव औलख और जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
यह याचिका शहर के मुहल्ला अस्तबल शुतरखाना निवासी अधिवक्ता विक्की कुमार ने की है। वह समाजवादी पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भी हैं। याचिका में राज्यमंत्री और जिलाधिकारी के अलावा भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, उप जिलाधिकारी सदर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, रामपुर विकास प्राधिकरण के सचिव को भी पार्टी बनाया गया है। याचिका में कहा है कि इन लोगों द्वारा आजम खां द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों को तुड़वाया जा रहा है। उर्दू गेट तोड़ दिया गया है, यूनिवर्सिटी की चारदीवारी भी तोड़ गई है। आगे ऐसी कोई कार्रवाई न करें, इस पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा है कि जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह जब से रामपुर आए हैं तब से ही ऐसी कार्रवाई कराई जा रही हैं। इनके अलावा अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता, नगर मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता भी इसमें शामिल हैं। इन दोनों अधिकारियों के तबादले से पहले दूसरे अधिकारियों को यहां स्थानांतरित किया गया है, लेकिन चंद रोज में ही उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया है। जिलाधिकारी फतेहपुर से स्थानांतरित होकर आए हैं, जगदंबा प्रसाद भी फतेहपुर में थे। उनका दूसरी जगह के लिए स्थानांतरण हुआ, लेकिन फिर रामपुर स्थानांतरित किया गया। इसी तरह सिटी मजिस्ट्रेट भी दूसरे अधिकारी को बनाया गया था, लेकिन चंद रोज में ही उन्हें दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया। विक्की कुमार राज ने बताया कि याचिका सोमवार को ही दायर ही की गई है, कोर्ट ने अभी कोई आदेश जारी नहीं किया है।