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नई सोच के साथ बदली निर्यात इंडस्ट्री की तस्वीर

तरुण पाराशर, मुरादाबाद : देश ही नहीं पूरी दुनिया में मुरादाबाद पीतलनगरी के नाम से जाना जाता

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 08:13 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 08:13 AM (IST)
नई सोच के साथ बदली निर्यात इंडस्ट्री की तस्वीर

तरुण पाराशर, मुरादाबाद : देश ही नहीं पूरी दुनिया में मुरादाबाद पीतलनगरी के नाम से जाना जाता है। यहां बनने वाले पीतल के आइटम दुनिया भर में पहली पसंद हुआ करते थे। आज भी उनकी मांग है, लेकिन हैंडीक्राफ्ट निर्यात में पीतल के आइटम का पहले जैसा रुतबा नहीं रहा। हालांकि विशुद्ध पीतल के आइटम की डिमांड आज भी खाड़ी के देशों के साथ ही रूस में है, लेकिन नई सोच के साथ युवा निर्यातकों ने इंडस्ट्री की तस्वीर को बदल दिया है। दूसरी धातुओं के साथ ग्लास और लकड़ी के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जो खूब पसंद किए जाते हैं, लेकिन इनमें पीतल अब नाम मात्र का ही रह गया है। स्थिति यह है कुल निर्यात में पीतल की हिस्सेदारी 30 फीसद तक रह गई है। मुरादाबाद के निर्यातकों ने समय की मांग के अनुरूप खुद को ढाला और दूसरे क्षेत्रों के प्रसिद्ध आइटम को तैयार कर उन्हें भी चुनौती दे दी। यही कारण है कि हैंडीक्राफ्ट में मुरादाबाद का कोई सानी नहीं है।

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ग्लास और वुडन छाए

पीतल के अलावा अब तांबा, कास्ट आयरन, स्टील के साथ ही अन्य धातुओं को मिक्स करके उत्पाद तैयार हो रहे हैं। सबसे अधिक प्रयोग ग्लास और लकड़ी का हो रहा है। आधे से अधिक प्रोडक्ट में ग्लास का प्रयोग होता है। लकड़ी का प्रयोग भी जमकर हो रहा है और निर्यातकों ने सहारनपुर के वर्चस्व को चुनौती दे दी है। इसी प्रकार से फीरोजाबाद से आपूर्ति होने वाले ग्लास में 50 फीसद तक मुरादाबाद आ रहा है।

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दुनिया की बदली पसंद तो बदला ट्रेंड

भारत से हैंडीक्राफ्ट निर्यात में किसी अन्य क्षेत्र ने इतना बदलाव नहीं किया है। सजावटी आइटम बनाना अपने आप में चुनौतीपूर्ण, कल्पनाशीलता और सृजनता का उदाहरण है। इसकी कोई सीमा भी नहीं है। ऐसे में समय के साथ लोगों की पसंद बदलती है और ट्रेंड बदल जाता है। चंद साल में पूरी की पूरी डिजाइन बाजार से बाहर हो जाती हैं। यही कारण है कि अब हाथों के जादू से आगे कम्प्यूटर से तैयार होने वाले डिजाइन पर काम हो रहा है।

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हाउसवेयर के साथ सभी क्षेत्रों में बढ़े आगे

मुरादाबाद में अब केवल सजावटी सामान ही नहीं बन रहे, हर क्षेत्र के लिए आइटम तैयार हो रहे हैं। इसमें हाउसवेयर, किचन वेयर से लेकर एसेसरीज तक शामिल हैं। पीतल और उससे इतर बनने वाले आइटम के बल पर सालाना निर्यात सात हजार करोड़ तक पहुंच रहा है।

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शुरुआत हमने भी विशुद्ध पीतल के आइटम से की थी, लेकिन अब इसका प्रयोग पहले की तुलना में 25 से 30 फीसद तक होता है। अन्य धातुओं के अलावा ग्लास, वुडन और लैदर का प्रयोग जमकर हो रहा है।

- नीरज खन्ना, निर्यातक

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दुनिया भर में हैंडीक्राफ्ट आइटम की पसंद पूरी तरह से बदल चुकी है। कुछ साल में नए डिजाइन के आइटम आ जाते हैं। यही पीतल की वस्तुओं के साथ हुआ। हालांकि यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुई पर बहुत कम हो गए हैं।

नवेद उर रहमान, निर्यातक

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