जिला अस्पताल ओपीडी से वापस हुए मरीज, इमरजेंसी में मिला उपचार
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश सरकार के 55 घंटे की बंदी लागू।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश सरकार के 55 घंटे की बंदी लागू हो गई। बाजार पूरी तरह बंद है और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस के जवान परेड करते हुए दिखाई दिए। जिला अस्पताल में ओपीडी बंद थी। स्वास्थ्य अधिकारियों के वाहन ही खड़े हुए दिखाई दे रहे थे। प्रतिदिन शारीरिक दूरी के साथ 200 से 300 तक मरीजों की ओपीडी की जा रही थी। इमरजेंसी सेवाएं जिला अस्पताल में दी गई। शाम तक 40 मरीजों को इमरजेंसी में उपचार की सुविधा मिल पाई। निजी नर्सिंग होम में भी डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखी थी। शनिवार की सुबह जिला अस्पताल में दिखाने के लिए मरीज पहुंचे तो सन्नाटा देखकर वापस हो गए।
-- इन बीमारियों के वापस हुए मरीज - पेट दर्द, 05 - हडडी रोग, 02 - कान में दर्द, 03 - चेस्ट पेन, 02 -- ये बोले लोग
- मेरे पापा मधुमेह के मरीज हैं। शुगर मापने वाली स्ट्रिप खत्म हो गई थी। जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र खुला हुआ मिला। पूरा रास्ता पैदल ही तय करना पड़ा। पैदल में भी दो जगह पुलिस कर्मियों ने रोककर पूछा। -- सरफराज, मुहल्ला बारादरी
-- - जिला अस्पताल की डिस्पेंसरी से दवा लेनी थी। सोच रहा था कि जिला अस्पताल आज खुला होगा लेकिन, यहां आकर देखा तो सन्नाटा पसरा हुआ था। उसी साल्ट की दवा मेडिकल स्टोर से ली है। - अमित यादव, दुर्गा मंदिर गुरहटटी चौराहा --
- मेरा हाथ एक सप्ताह पहले टूट गया था। डॉक्टर साहब ने कच्चा प्लास्टर लगाया था। आज दूसरा प्लास्टर लगना था। यहां सब बंद पड़ा है। कोई कर्मचारी भी नहीं मिला। अब बंदी के बाद ही आएंगे। - फरह, मठ वाली गली दौलतबाग -- - मेरे सीने में दर्द है। सोमवार को दिखाकर दवा ले गया था। डॉक्टर साहब ने पांचवें दिन बुलाया था। आज आया तो अस्पताल बंद पड़ा मिला। दर्द की दवा अब मेडिकल स्टोर से ही लेनी पड़ेगी। - अजमत अली, दौलत बाग ---
वर्जन -
- बंदी की वजह से ओपीडी नहीं खोली गई। इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं। गंभीर मरीज को उपचार की सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जा रही है। किसी भी मरीज को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोरोना स्क्रीनिग का काम लगातार चल रहा है। वहां भी डॉक्टरों की डयूटी लगाई हुई है। -- डॉ.राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल।