UP Panchayat Chunav 2021 : मुरादाबाद के माननीयों का कद तय करेगा पंचायत चुनाव, देखें नेताओं के परिवार से कितने लोग लड़ेंगे चुनाव
UP Panchayat Chunav 2021 मुरादाबाद जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं यहां से पंचायत चुनाव का ज्यादा लेना देना नहीं है। कांठ विधानसभा क्षेत्रसे भाजपा के राजेश कुमार चुन्नू विधायक हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। UP Panchayat Chunav 2021 : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में माननीयों की परीक्षा ही नहीं होगी, यह चुनाव उनका सियासी कद भी तय करेगा। सियासत में वंशवाद का हमेशा विरोध होता रहा है। लेकिन, सियासत से इसका गहरा नाता है। यही वजह है कि नेताओं के परिवार से 25 से अधिक व्यक्ति पंचायत चुनाव के मैदान में भी उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें से कई नेताओं की जिले की प्रथम नागरिक की कुर्सी पर नजर है। देखना यह है कि उनके हक में सियासी समीकरण कहां तक फिट बैठते हैं।
मुरादाबाद जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं, यहां से पंचायत चुनाव का ज्यादा लेना देना नहीं है। कांठ विधानसभा क्षेत्रसे भाजपा के राजेश कुमार चुन्नू विधायक हैं। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह भी इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं। पंचायती राज मंत्री की तो प्रदेश भर में पंचायत चुनाव में भाजपा का परचम लहराए यह जिम्मेदारी बनती है। स्थानीय विधायक को अपने विधानसभा क्षेत्र में भाजपा काे जिताना है। दोनों ही माननीय पंचायत चुनाव में सफलता के लिए दिनरात लगे हुए हैं। मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सपा के डॉ. एसटी हसन सांसद हैं। वह भी अपने कई समर्थकों को जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतार रहे हैं। जिले के बाकी विधानसभा क्षेत्रों से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। कुंदरकी, बिलारी, ठाकुरद्वारा और मुरादाबाद देहात के विधायक भी अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की शाख बचाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस, बसपा के नेताओं ने भी प्रत्याशी चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। माननीयों के अपने भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कई माननीय तो ऐसे हैं, जिनके कई-कई अपने चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में हैं। तीन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी फिर से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। नेताओं के परिवारों से 25 से अधिक प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इनमें सबसे अधिक जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशी हैं। भाजपा भी मुरादाबाद में हारी हुई चारों विधानसभा सीटों में पैठ बनाने में लगी हुई है। ऐसे में माननीयों की तो अपने परिवार के सदस्यों के साथ कार्यकर्ताओं को भी जिताने की जिम्मेदारी है। इसलिए उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगना तय है। मुरादाबाद को सपा का गढ़ कहा जाता है। यहां के हर विधानसभा क्षेत्र पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की भी नजर है। इसलिए माननीयों के क्षेत्र के चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों की हार-जीत ही उनका सियासी कद तय करेगी।