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नफरत की पैदाइश है पाकिस्तान, केवल युद्ध से बनेगी बात

पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों को शुक्रवार को दैनिक जागरण कार्यालय में याद किया गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 06:05 AM (IST)
नफरत की पैदाइश है पाकिस्तान, केवल युद्ध से बनेगी बात
नफरत की पैदाइश है पाकिस्तान, केवल युद्ध से बनेगी बात

मुरादाबाद, जेएनएन । आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों को शुक्रवार को दैनिक जागरण कार्यालय में याद किया गया। प्रबुद्ध एवं गणमान्य लोगों ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित कर अपने गम और गुस्से का इजहार किया। सभी ने मिलकर कैंडिल मार्च निकाला। भारत माता की जय, पुलवामा के शहीद अमर रहें अमर रहें के नारों से हरथला रोड गूंज उठा। शहीद सैनिकों को याद करते हुए जुलूस कार्यालय परिसर से शुरू होकर रामगंगा विहार फेज-टू की सड़क से होता हुआ प्रेस परिसर में पहुंचा, वहां दीप जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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लोगों में जबरदस्त उबाल

जवानों की शहादत पर लोगों में जबरदस्त उबाल है। हर किसी ने एक स्वर में कहा कि पाकिस्तान नफरत की पैदाइश है। अब जरूरत है पाक को उसकी औकात बताने की। सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, युद्ध होना चाहिए। जिससे कि आतंक की जड़ें हमेशा के लिए नष्ट हो जाएं। पाक की आने वाली नस्लें भी आतंक के बारे में न सोचें। वीर जवानों की शहादत पर भूतपूर्व सैनिक, शिक्षाविद्, साहित्यकार समेत हर वर्ग के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। पेश हैं उनकी बातों के अंश :

आतंक की जड़ों को करना होगा नष्ट

जिला सैनिक पुनर्वास कल्याण अधिकारी कर्नल (से.नि.) श्याम लाल ने कहा कि इस तरह की घटना के बाद लोगों का गुस्सा लाजिमी है। कैंडिल मार्च, मानव श्रंृखला बना एक हफ्ते बाद लोग फिर भूल जाएंगे। आतंक को खत्म करने के लिए उसकी जड़ों को काटना जरूरी है। आज आतंक को बढ़ावा देने वाले बाहर से ज्यादा अंदर के लोग हैं। डेमोक्रेसी की तो परिभाषा ही समझ से परे है। आतंकियों को लेकर कोई दरियादिली न दिखाई जाए, उन्हें तत्काल मौत के घाट उतारना चाहिए।

सेना युद्ध के लिए सक्षम

श्रीनगर और पुंछ में सेवा दे चुके सूबेदार कप्तान सिंह ने कहा कि देश की सेना युद्ध के लिए सक्षम है। प्रधानमंत्री की तरफ से सेना को कार्रवाई के लिए छूट भी दी गई है। हमारी पहली कोशिश मारने की नहीं जख्मी करने की होती है। सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई सेना की ओर से नियमित रूप से चलती रहती है। तमाम सुरक्षा इंतजामों के बाद भी हुए फिदायीन हमले में हमारे जवान शहीद हो गए। पाक को इसका अंजाम भुगतना होगा।

आरपार की लड़ाई जरूरी

घटना को लेकर भूतपूर्व सैनिक नारायण कृष्ण में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। उन्होंने कहा कि युद्ध की जरूरत है। 1965 में हमने लाहौर में घुसकर आंतकियों को मार गिराया था। आज हमारी ताकत पहले से बढ़ी है। जम्मू में सेवा दे चुके नारायण कृष्ण ने गुस्से से लाल होकर कहा कि सरकार आरपार की लड़ाई छेड़ दे। हमारे कुछ सैनिक और शहीद होंगे, लेकिन आतंक का अंत हो जाएगा।

सरकार बनाएं दबाव

पाक पर कड़ी कार्रवाई के लिए सरकार सबसे पहले विश्व पटल पर दबाव बनाए। पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता बंद कराएं। देश की एकता के लिए जाति धर्म भूल जनमानस एकसाथ खड़ा हो।

-गंभीर सिंह, सहायक नगर आयुक्त

पूरे देश में आक्रोश

घटना से पूरे देश में आक्रोश है। हर देशवासी की बस एक ही आवाज है, पाक पर कार्रवाई हो इससे नीचे कुछ स्वीकार नहीं। उसके बाद ही देश के वीर जवानों को इंसाफ मिल सकेगा।

-नरेंद्र बहादुर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट

कार्रवाई के लिए मिले खुली छूट

पाक से निपटने के लिए हमारी आधी सेना ही बहुत है। सरकार सेना को पाक पर कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दे। हमारे सैनिक घर में घुसकर आतंकियों को मार गिराएंगे।

-वाइपी गुप्ता, ट्रस्टी, एमआइटी

उठाना होगा ठोस कदम

आतंक को बढ़ावा देने के लिए जहां से मदद की जा रही है उसे रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। अन्य मित्र देशों को साथ लेकर इस दिशा में कदम उठाया जाए।

-अर्चना शर्मा, नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष

साक्षात देखा है मौत का मंजर

चार साल पहले मौत के मंजर को मैने साक्षात देखा है। मैं व्यक्तिगत रूप से घटना के बाद से व्यथित हूं। अब सोचने नहीं करने की जरूरत है। बयानबाजी से काम नहीं चलेगा।

-डॉ. मीना कौल, प्राचार्य, एमएच कॉलेज

गुस्से से समस्या का हल नहीं

गुस्से से किसी समस्या का हल नहीं होता। सरकार पूरी तैयारी के साथ पाकिस्तान पर कार्रवाई करे, जिससे आतंक की जड़ें हमेशा के लिए खत्म हो जाएं।

-डॉ. जॉली गर्ग, प्राचार्य, दयानंद आर्य कन्या कॉलेज

पूरे देश को घटना ने हिला दिया

तथाकथित देशभक्तों पर लगाम जरूरी है। पूरे देश को इस घटना ने हिला दिया है। भय बिन प्रीत नहीं होने वाली। कार्रवाई जरूरी है। आतंकी प्यार की भाषा नहीं समझते।

-राकेश बलौदी, सांस्कृतिक सचिव, मुरादाबाद मंडल

अब करो या मरो की स्थिति

अब करो या मरो की पहल की जरूरत है। पाकिस्तान जैसे देश की हमारे सामने क्या औकात है। सरकार पहले आतंकवादी संगठनों को खत्म करे। इसकी जम्मू-कश्मीर से शुरुआत हो।

-आरके बाली, मंडल अध्यक्ष, नरमू

जनता का मन भांप चुकी सरकार

सरकार जनता के मन को भांप चुकी है। सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जनता सरकार का समर्थन करे। नेताओं को भी बयानबाजी छोड़कर कार्रवाई करनी चाहिए।

-डॉ. आनंद कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, रक्षा अध्ययन, ङ्क्षहदू कॉलेज।

कड़ी कार्रवाई की जरूरत

पाकिस्तान पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। क्योंकि पाक अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं, उसका समूल नाश जरूरी है। इसके लिए देश की एकजुटता जरूरी है।

-डॉ. विम्मी रस्तोगी, प्रवक्ता, जीआइसी

पाक की यह घटिया हरकत

निराश और हताश देश की यह घटिया हरकत है। समय है देश के प्रधानमंत्री का समर्थन करने का, इससे राष्ट्र की ताकत बढ़ेगी। सेना का भी मनोबल बढ़ेगा।

-डॉ. अजय अनुपम, साहित्यकार

देश के लिए एकजुट होना जरूरी

हम सभी में आपस में मतभेद भले हों, लेकिन देश की एकता और अखंडता के लिए हमें एकजुट होना ही होगा। तभी आतंकी शक्तियों का अंत किया जा सकता है।

-योगेन्द्र वर्मा व्योम, साहित्यकार

अब युद्ध की जरूरत

अब सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, युद्ध की जरूरत है। युद्ध से ही मसला हल होगा। क्योंकि अमन-चैन की दुहाई देने से पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है।

-जिया जमीर, शायर

विशेष राज्य का दर्जा हटाएं

सरकार कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए। लड़ाई आरपार की होनी चाहिए। कब तक देश के सैनिक मरते रहेंगे। वार्ता का दौर बहुत चल चुका अब आतंक को नष्ट करना होगा।

-हरिओम अग्रवाल, निदेशक गोल्डेन गेट स्कूल

हमने कभी नहीं किया हमला

हमने कभी किसी पर प्रथम हमला नहीं किया, लेकिन यदि हमारे ऊपर कोई हमला करेगा तो हम शांत नहीं बैठते। पाकिस्तानको इसका अंजाम भुगतना होगा।

-मंजू अग्रवाल, प्रधानाचार्य, गोल्डेन गेट स्कूल

ईंट का जवाब पत्थर से दें

सरकार पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करे, जिससे पाक की आने वाली नस्लें थर्रा उठें। वार्ता का दौर बहुत चल चुका, अब आवश्यकता है ईंट का जवाब पत्थर से देने की।

- अंशू पाहवा, शिक्षिका

यह कायराना हरकत है

पाक की यह कायराना हरकत है। युद्ध समस्या का हल नहीं है। सरकार सेना को खुली छूट दे। सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई लगातार होती रहनी चाहिए।

-डॉ. लता चंद्रा, अध्यक्ष, साहस वेलफेयर सोसायटी

विभीषणों का अंत होना जरूरी

पाकिस्तान पर कार्रवाई शुरू हो, इससे पहले जरूरी है कि सरकार अपने घर में बैठे विभीषणों का अंत करे। क्योंकि उन्हीं की वजह से आंतकी फल फूल रहे हैं।

-डॉ. राजीव कुमार, स्वदेशी जागरण मंच

मिलकर बढ़ाए सेना का मनोबल

हम सभी मिलकर सेना का मनोबल बढ़ाएं। हमारी सेना पाकिस्तान की कायराना हरकत का जवाब देने में सक्षम है। घटना हृदय विदारक है। पाक को जवाब मिलना चाहिए।

-दिनेश चंद्रा

शिकंजा कसने की जरूरत

दुश्मन हम सबके बीच ही छिपे हुए हैं। इनका खात्मा जरूरी है। प्रधानमंत्री सबसे पहले इन नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई करें। घर में बैठे भिभीषण पर शिकंजा कसना जरूरी है।

-राजेश भारतीय, सचिव, आइआइए

दुष्ट पर दया अच्छी नहीं

दुष्ट पर दया अच्छी नहीं, पाकिस्तान नफरत की पैदाइश है। प्रधानमंत्री ने अगुवाई की है। हम सभी को देश हित में एकजुट होने की जरूरत है। क्योंकि पाकिस्तान प्यार की भाषा नहीं जानता।

-चौधरी धर्मवीर सिंह, पूर्व अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

कैंडिल मार्च में यह भी रहे मौजूद

कैंडिल मार्च में संदीप सिंघल, दीपक अग्रवाल, अमित गर्ग, नितिन रस्तोगी, मुहम्मद तंजीम, नौशाद आलम, मुहम्मद उमर, आसिफ, आतिफ, रियाजुल उसामा, अनस, अंसार, गनी, नावेद, हस्सान, डॉ. इरशाद, आलम, आकिब, अजीम समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे। 


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