नेताओं की सिफारिश से खोल दिए धान खरीद केंद्र, जानिए फिर क्या हुआ
जिले को इस साल 80 हजार टन धान खरीद करने का लक्ष्य मिला है। नेताओं की सिफारिश पर अफसरों ने धान क्रय केंद्र खोल दिए। सम्भल रोड पर कोई धान खरीद केंद्र नहीं खोला गया। इसकी वजह से किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं।
मुरादाबाद [मोहसिन पाशा]। जिले को इस साल 80 हजार टन धान खरीद करने का लक्ष्य मिला है। नेताओं की सिफारिश पर अफसरों ने धान क्रय केंद्र खोल दिए। सम्भल रोड पर कोई धान खरीद केंद्र नहीं खोला गया। इसकी वजह से किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं। बाद में कुचावली समेत दो नए केंद्र बनाए गए हैं। वह भी नेताओं की सिफारिश पर खुले हैं। लेकिन, जरूरत के स्थानों पर केंद्र नहीं खुले। ऐसे में लक्ष्य पूरा करना मुश्किल होगा।
किसानों से धान की खरीद के लिए अब तक 57 क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। कृषि उत्पादन मंडी समिति में भी अब तीन क्रय केंद्र हो गए। दो नए केंद्रों में कुचावली गांव के अलावा एक मंडी में और क्रय केंद्र खोला गया है। खादर के गांवों में धान की अच्छी पैदावार होती है। लेकिन, वहां के किसानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने में तमाम मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। इसलिए बिचौलिया ही उन्हें घेरकर धान क्रय केंद्रों का फायदा उठा लेते हैं। सरकारी व्यवस्था भी ऐसी ही है, खादर के किसानों को जागरुक करने के लिए ठोक प्रयास ही नहीं किए जाते हैं। विकास मूंढापांडे के गांव खपरैल की मिलक के रहने वाले किसान कल्लू हुसैन ने धान की कटाई तो करा ली। लेकिन, उन्हें यह मालूम ही नहीं कि धान कहां बेचना है। सरकारी क्रय केंद्र पर पंजीकरण के लिए उन्हें कहां जाना पड़ेगा। सम्भल रोड पर लालपुर बस्तौर, फत्तेहपुर खास, मलकपुर, जटपुरा, नानकार, ताहरपुर, उमरी सब्जीपुर, सराय, डींगरपुर, पंडित नगला, ललवारा, भीकनपुर, गुरेर, जाफरपुर, लालपुर गंगवारी, मुंडी मिलक, हिमासपुर, बसेरा, मसेबी आदि करीब 25 गांव हैं। सम्भल रोड पर इन गांवों के किसानों के लिए कोई धान क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है। रतनपुर कलां, कनपुरी आदि गांव के किसान भी धान की बिक्री के लिए परेशान हैं। इमरतपुर उधौ के प्रधान सरमोद शर्मा का कहना है कि किसानों को धान बेचने के लिए कुंदरकी जाना पड़ता है। ग्राम फत्तेहपुर खास के किसान इब्राहीम हुसैन का कहना है कि सम्भल रोड के किसानों के लिए गागन तिराहा से डींगरपुर गांव के बीच एक धान क्रय केंद्र बनाया जाना चाहिए।
जिला विपणन अधिकारी संजय राय ने बताया कि धान खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। धान में नमी की वजह से खरीद की गति धीमी है। 31 जनवरी तक धान की खरीद होनी है। उम्मीद है कि धान सूखने पर खरीद की गति में तेजी होगी और लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा
खसरा-खतौनी से केंद्र प्रभारी भी करेंगे पंजीकरण
सरकार का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा धान खरीद करना है। इसके लिए किसान किसी भी साइबर कैफे पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकता है। इस दौरान उसे अपना मोबाइल नंबर भी फीड कराना होगा। उसी नंबर को किसान के खाते से लिंक कराया जाएगा। इसके अलावा धान क्रय केंद्र के प्रभारी भी किसानों को पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए किसान अपनी खसरा और खतौनी साथ लेकर जाएं। किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी। मनोज कुमार, मंडलीय खाद्य नियंत्रक