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Moradabad News: बिजली फाल्‍ट के चलते नहीं बाधित होगा ट्रेनों का संचालन, मुरादाबाद रेल मंडल के इंजीनियर ने बनाई डिवाइस

ट्रेनों के संचालन में सिग्नल बिजली रेल फाटक भी अहम स्थान रखता है। कहीं भी खराबी आने या रुकावट आने से ट्रेनों का संचालन बंद हो जाता है। जिससे निर्धारित समय पर चलने वाली ट्रेनें भी लेट हो जाती हैं।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 07:10 AM (IST)
मुरादाबाद रेल मंडल के इंजीनियर ने यह डिवाइस बनाई है

मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। बिजली के फाल्ट से अब ट्रेनों का संचालन बाधित नहीं होगा और ट्रेनें देरी से नहीं चलेंगी। इसके लिए मुरादाबाद रेल मंडल के इंजीनियर ने मेक इन इंडिया से प्रेरित होकर एंटी सप्लाई टेस्ट चेकिंग डिवाइस बनाई है। सिग्नल आदि पर फाल्ट होते ही तकनीकी कर्मचारियों व अधिकारियों के मोबाइल पर सूचना मिल जाएगी। तत्काल खराबी को ठीक कर ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है।

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ट्रेनों के संचालन में सिग्नल, बिजली, रेल फाटक भी अहम स्थान रखता है। कहीं भी खराबी आने या रुकावट आने से ट्रेनों का संचालन बंद हो जाता है। जिससे निर्धारित समय पर चलने वाली ट्रेनें भी लेट हो जाती हैं। रेलवे  ट्रेन संचालन के लिए रेललाइन के ऊपर लगाए गए तार (ओएचई) पर छोटे ट्रांसफामर लगाकर सिग्नल, रेल, फाटक व छोटे स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति करता है। जिसके द्वारा स्टेशन से ट्रेनों के संचालन के लिए लगाए गए उपकरण को संचालित किया जाता है। फाल्ट आते ही ट्रेनों का संचालन बाधित हो जाता है। कई बार तो सिग्नल का फाल्ट आने से ट्रेनों के रुकने पर रेलवे के कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिलती है।

रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अमन डंक ने बाजार से डिवाइस खरीद कर एंटी सप्लाई टेस्ट चेकिंग डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस जीपीएस सिस्टम व मोबाइल नेटवर्क से जुड़ी है। बिजली के फाल्ट या लो वोल्टेज आते ही डिवाइस में लगे चिप जीपीएस या मोबाइल नेटवर्क के द्वारा क्षेत्र के तकनीकी कर्मचारी व अधिकारी को तत्काल एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी और खराबी कहां है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी। सूचना मिलते ही तकनीकी कर्मचारी को फाल्ट खोजने के लिए प्रयास नहीं करना पड़ेगा, तत्काल खराबी को ठीक किया जा सकता है। जिससे ट्रेनों का संचालन बाधित नहीं होगा।

प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के तहत रेलवे के इंजीनियर नये नये उपकरण तैयार कर रहे हैं। अमन डंग ने भी इसी से प्रेरणा ली और वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमित लेकर यह डिवाइस तैयार की है। इसे तैयार करने के लिए आठ हजार रुपये खर्च आया है। इस उपकरण को रोजा-शाहजहांपुर के बीच रेलवे सिग्नल पर लगाकर ट्रायल किया जा रहा है। डिवाइस को अंतिम परीक्षण के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्‍टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) भेजा जाएगा। आरडीएसओ के परीक्षण में सफल होने पर यह डिवाइस देश भर में रेलवे के प्रयोग में आएगी।

प्रवर मंडल विद्युत अभियंता (कर्षण) ए उपाध्याय ने बताया कि रेलवे के इंजीनियर ने बिजली के फाल्ट को पकड़ने के लिए एंटी टेस्ट चेकिंग डिवाइस बनाया है, जिसका सफलता पूर्वक परीक्षण रोजा-शाहजहांपुर के बीच किया जा रहा है।

इसके पहले भी मंडल के इंजीनियर बना चुके उपकरण: मुरादाबाद रेल मंडल का इतिहास रहा है कि युवा इंजीनियर कई उपकरण तैयार कर चुके हैं, जिसे देश भर के रेलवे में अपनाया जा रहा है। यार्ड की पटरी बदलने व लूप लाइन बदलने के लिए पहले कई दिनों का समय लगता था। इंजीनियर बेकार पड़े लाइन से उपकरण तैयार किया, जिससे कुछ घंटों में यार्ड में लूप लाइन बढ़ाया जा सकता है। इसकी तरह से मोबाइल नेटवर्क द्वारा ओएचसी की निगरानी करने, बाधा रहित टिकट सिस्टम संचालित करने के उपकरण तैयार कर चुके हैं, जिसे देश के अन्य रेलवे में अपनाया जा रहा है।


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