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Railway News: अब 'उस्‍ताद' बनेगा ट्रेनों का सुरक्षा कवच, बोगी और इंजन की खामियां ढूंढ सुरक्षित बनाएगा रेल सफर

Indian Railway News पिंक बुक में अंडर गियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रायड (USTAAD) को बनाने के लिए 250 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया है। आधुनिक सिस्टम मार्च 2023 तक बनकर तैयार होेने की संभावना है। उस्‍ताद के बनने से रेलवे या‍त्रियों की सुरक्षा और पुख्‍ता होगी।

By Pradeep K ChaurasiaEdited By: Vivek BajpaiPublished: Sat, 01 Oct 2022 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 02:56 PM (IST)
Railway News: अब 'उस्‍ताद' बनेगा ट्रेनों का सुरक्षा कवच, बोगी और इंजन की खामियां ढूंढ सुरक्षित बनाएगा रेल सफर
उस्‍ताद के बनने से रेल यात्रा और सुरक्षित हो जाएगी। सौ. गूगल

मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया। अब उस्‍ताद ट्रेनों का सुरक्षा कवच बनेगा। ट्रेन के कोच या इंजन के अंदर जहां आसानी से कर्मचारी नहीं पहुंच सकते, वहां की गड़बड़ी को भी उस्‍ताद के जरिये आसानी से ढूंढा जा सकेगा। पिंक बुक में अंडर गियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रायड यानी उस्‍ताद (USTAAD) को बनाने के लिए 250 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया है। आधुनिक सिस्टम मार्च 2023 तक बनकर तैयार होेने की संभावना है। उस्‍ताद के बनने से रेलवे या‍त्रियों की सुरक्षा और पुख्‍ता होगी। 

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हादसे के बाद आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का किया फैसला

पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे में अलीपुरद्वार के पास बिकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस 15 जनवरी को दुर्घटना ग्रस्‍त हो गई थी। जिसमें कई यात्रियों की मौत हो गई थी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे काफी गंभीरता से लिया था। घटना के वास्तविक कारण खोजने का आदेश दिया था। जांच में पाया गया कि इंजन को सहारा देने वाला लोहा कमजोर था, जिसके टूटने से यह दुर्घटना हुई। इस स्थान तक तकनीकी कर्मचारी पहुंच नहीं सकता था और आसानी से देखा भी  नहीं जा सकता था। अगर इसकी समय से जानकारी मिल जाती तो दुर्घटना को रोका जा सकता था। रेलवे के तकनीकी टीम ने इस पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का फैसला लिया।

उस्‍ताद में लोहे का भी एक्‍सरे करने की होगी सुविधा

इसके बाद इंजीनियरिंग टीम ने उस्‍ताद का माडल तैयार किया है। यह काफी छोटे आकार का बनाया गया है। जिसमें शक्तिशाली कैमरा के साथ लोहे का एक्सरे लेने की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सिस्टम इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ा होगा। उस्ताद को चलाने के लिए छोटे-छोटे पहिया लगाए गए हैं। जिससे आसानी से इंजन व कोच के नीचे या अंदर भेजा जा सकता है। जहां तकनीकी टीम जांच करने नहीं पहुंच सकती है, वहां भी इसे आसानी से पहुंचाया जा सकता है। 

जहां नहीं पहुंचेगा उस्‍ताद, वहां की भी उपलब्‍ध कराएगा फोटो

उस्ताद को कंप्यूटर व रिमोट द्वारा चलाया जा सकता है। उस्ताद शक्तिशाली कैमरा से साफ फोटो व वीडियो तकनीकी टीम के कंप्यूटर पर भेजेगा। जिस स्थान तक उस्ताद नहीं पहुंच सकता है, कैमरा वहां तक की फोटो व वीडियो टीम के कंप्यूटर पर भेजेगा। तकनीकी टीम आसानी से इंजन व कोच का परीक्षण कर सकती है। टीम को जहां एक्सरे की आवश्यकता होगी, वहां का एक्सरे भी उपलब्ध कराएगा।

आरडीएसओ की स्‍वीकृत के बाद निर्माण शुरू

उस्ताद के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की स्वीकृत के बाद पिंक बुक (रेलवे को बजट आवंटित करने वाला आदेश रजिस्टर) में 250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। मार्च 2023 तक उस्ताद को बनाया जाना प्रस्तावित है। तैयार हो जाने के बाद उस्‍ताद सभी रेल मंडल को उपलब्ध कराया जाएगा।


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