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Lockdown in Moradabad :अब जमा पूंजी के सहारे जिंदगी की गाड़ी, बैंकों में लग रही लंबी लाइन Moradabad News

दो दिन बाद बैंक खुले तो लंबी लाइनें इसी उम्मीद में दिखाई दी कि कब उनका नंबर आए और घर में आटा-चावल की व्यवस्था हो।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 07:59 AM (IST)
Lockdown in Moradabad :अब जमा पूंजी के सहारे जिंदगी की गाड़ी, बैंकों में लग रही लंबी लाइन Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। वैसे तो चलती का नाम ही गाड़ी है लेकिन, बीते कुछ दिनों से जिंदगी की गाड़ी में ठहराव आ गया है। रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाले मेहनतकश मजदूरों, ठेला लगाने वाले छोटे दुकानदारों, रिक्शा चालकों की कमाई शून्य हो गई है। जो कुछ घर में पैसा था उससे गाड़ी अब तक खिंच गई लेकिन, अब जो दो-पांच हजार बैंकों में जमा पूंजी है, उससे ही उम्मीद है। दो दिन बाद बैंक खुले तो लंबी लाइनें इसी उम्मीद में दिखाई दी कि कब उनका नंबर आए और घर में आटा-चावल की व्यवस्था हो।

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दोपहर तक नहीं आया नंबर 

बंगला गांव निवासी शांति देवी का खाता प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की बंगला गांव शाखा में है। सोमवार को वह सुबह दस बजे से लाइन में लगी थीं। दोपहर के एक बजे तक उनका नंबर नहीं आया था। शांति बताती हैं कि जो कुछ घर में रखा था, वह बीमार बहू के इजाल में लगा दिया। बेटा ठेला लगाता है, जो एक सप्ताह से नहीं लगा पा रहा है। ऐसे में बैंक में जो दो-ढाई हजार रुपये जमा हैं, उसे निकालने आयी हैं, जिससे राशन पानी का इंतजाम हो सके। इसी तरह बंगला गांव की ही लक्ष्मी भी हैं, जिन्हें उम्मीद है कि सरकार ने कुछ उनके खाते में धनराशि भेजी होगी, जिसे निकालकर उनका खर्चा चलेगा।

बिना पैसे कैसे कटेगा समय

प्रथमा बैंक की मोरा मुस्तकम, हरथला, बंगला गांव जैसी अन्य बैंक शाखाओं पर लाइन में लगे लोगों का कहना है कि फोन करने पर सरकारी मदद मिल रही है। लेकिन, घर में कई जरूरतें हैं। दवाई, सब्जी के लिए पैसे चाहिए ही। ऐसे में बिना पैसे जिंदगी कैसे कटेगी।

पैसा आने की उम्मीद में भी बैंक पहुंच रहे लोग

बैंकों के आगे लगी कतार में कई ग्राहक पेशे से मजदूर हैं। जिन्हें उम्मीद है कि सरकार ने उनकी मदद के लिए खाते में एक हजार रुपये पहुंचाए होंगे। प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की हरथला शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक रोहित सेठ का कहना है कि कई लोग सिर्फ यह जानने के लिए बैंक आ रहे हैं कि उनके खाते में पैसा आया या नहीं।

खाते में दो-तीन हजार रुपये जमा किए थे। अब राशन लाने के लिए पैसे नहीं हैं तो जमा पैसे निकालने बैंक पहुंचे हैं।

- ओमवती

अभी तक घर में राशन था लेकिन, अब काम बंद है। तो पैसे भी नहीं बचे। जो कुछ खाते में जमा है, उससे ही जिंदगी काटेंगे।

- रिंकी


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