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अब रेल इंजन देगा यात्रियों को बिजली व बर्थ Moradabad News

जी हां यही सच होने जा रहा है कि रेल इंजन यात्रियों को बिजली व बर्थ दोनों देगा। उत्‍तर रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 11:42 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 11:55 AM (IST)
अब रेल इंजन देगा यात्रियों को बिजली व बर्थ Moradabad News

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया): इंजन यात्रियों के लिए बर्थ की व्यवस्था करेगा और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएगा। साथ ही कोच को बिजली भी उपलब्ध कराएगा। रेल प्रशासन ट्रेनों को इको फ्रेंडली बनाने के साथ खर्च कम करने पर लगातार प्रयास कर रहा है। ट्रेनों में बर्थ की संख्या बढ़ाने के लिए लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच तैयार किए गए हैं। इस कोच में स्लीपर क्लास में आठ बर्थ, एसी थ्री में आठ बर्थ और एसी टू में छह बर्थ बढ़ाए गए हैं। इन कोच में बैट्री के स्थान पर आगे व पीछे जेनरेटर कार लगाए गए हैं। इनके चलने पर वायु व ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा।

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रेलवे को इको फ्रेंडली बनाने की तैयारी

रेलवे प्रदूषण नियंत्रण व बर्थ की संख्या बढ़ाने के लिए इंजन को अपडेट करने जा रहा है। इंजन को हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) सिस्टम का बनाया जा रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन चलाने के साथ कोच को बिजली की आपूर्ति भी करेगा। इस व्यवस्था के बाद ट्रेन में लगी जेनरेटर बोगी को हटाकर यात्री कोच लगाए जाएंगे।

हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) सिस्टम का होगा इंजन

इसके बाद प्रत्येक ट्रेन में 180 बर्थ अतिरिक्त उपलब्ध हो जाएंगी। जेनरेटर नहीं चलने से वायु व ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। मुरादाबाद रेल मंडल से लखनऊ मेल, श्रमजीवी एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए गए हैं। नई व्यवस्था के बाद इन ट्रेनों में भी बर्थ की संख्या बढ़ जाएगी। राजधानी व शताब्दी में भी नए सिस्टम वाला इंजन लगाया जाएगा। रेलवे की योजना है कि अक्टूबर से नए सिस्टम वाले इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जाए।

छह हजार करोड़ की होगी बचत

नए इंजन से ट्रेनों का संचालन होने के बाद प्रत्येक साल रेलवे को छह हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। एक गैर वातानुकूलित कोच में प्रति घंटे 120 यूनिट बिजली की जरूरत होती है, इतने बिजली उत्पादन करने के लिए प्रत्येक घंटे जेनरेटर को 40 लीटर डीजल की आवश्यकता होती है। एसी कोच को बिजली देने के लिए 70 लीटर डीजल की प्रत्येक घंटे जरूरत होती है।

एचओजी सिस्टम वाले इंजन लगाए जा रहे : मंडल रेल प्रबंधक

रेलवे ने बर्थ की संख्या बढ़ाने और प्रदूषण पर नियंत्रण करने की योजना तैयार की है। उसके तहत एचओजी सिस्टम वाले इंजन लगाए जा रहे हैं।

-तरुण प्रकाश, मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद।

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