अब वर्णांधता वाले दिव्यांगों का बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, जानिए क्या है नियम
अब कलर ब्लाइंड वाले भी आसानी से वाहन चला सकेंगेे। परिवहन विभाग ने ऐसे लोगों को वाहन चलाने का लाइसेंस देने की तैयारी कर ली है।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। सरकार दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रही है। इसके तहत कलर ब्लाइंडनेस (वर्णांधता) वाले व्यक्तियों का भी शर्तों के साथ ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल)बनेगा। इसके लिए परिवहन मंत्रालय ने आदेश जारी किया है।
कलर ब्लाइंडनेंस में व्यक्ति को सामने से तेज रोशनी पडऩे पर सात रंग दिखायी देते हैं कई बार रात में ऐसे व्यक्ति को भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर देता है। इस वजह से भारत में ऐसे व्यक्तियों को अब तक डीएल नहीं दिया जाता था। लेकिन अब दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कुछ शर्तों के साथ सरकार ने डीएल देने का फैसला लिया है।
मंत्रालय के यह हैं आदेश
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 24 जून 20 को जीएसआर 401 (ई) के तहत अध्यादेश जारी किया है। जिसमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फार्म 1 तथा फार्म 1 ए को संशोधित किया गया है। इसके तहत कम व मध्यम कलर ब्लाइंड व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे व्यक्तियों को भारी व रात में वाहन चलाने की अनुमित नहीं होगी।
चिकित्सकीय प्रमाण पत्र जरूरी
सरकारी अस्पताल के नेत्र रोग को विशेषज्ञ को नामित किया जाएगा। जो कलर ब्लाइंड व्यक्ति की जांच कर प्रमाण पत्र जारी करेगा। कम व मध्यम कलर ब्लाइंड वाले व्यक्तियों को परिवहन विभाग डीएल देगा।
संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) आरआर सोनी ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कलर ब्लाइंड लोगों को डीएल देने के संबंध में ओदश जारी किया है।