अब गांव के नजदीक से सात साल की मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, खौफ
। अब सम्भल जनपद के गुन्नौर तहसील क्षेत्र के लतीफपुर धीर गांव में घर से एक सौ मीटर दूरी पर उपले लेने गई मां के साथ गई सात वर्ष की मासूम को तेंदुए ने निवाला बनाया। 27 घंटे की खोजबीन के बाद ग्रामीणों को गेहूं के खेत में मिट्टी में दबा हुआ आधा सिर मिला। उसके शरीर के बाकी हिस्से का पता नहीं लग सका। पुलिस व वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
मुरादाबाद(जेएनएन)। अब सम्भल जनपद के गुन्नौर तहसील क्षेत्र के लतीफपुर धीर गांव में घर से एक सौ मीटर दूरी पर उपले लेने गई मां के साथ गई सात वर्ष की मासूम को तेंदुए ने निवाला बनाया। 27 घंटे की खोजबीन के बाद ग्रामीणों को गेहूं के खेत में मिट्टी में दबा हुआ आधा सिर मिला। उसके शरीर के बाकी हिस्से का पता नहीं लग सका। पुलिस व वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
गांव लतीफपुर धीर निवासी सुरेन्द्र यादव की बेटी अनीता (7) सोमवार दोपहर 11 बजे अपने मां वीरवती के साथ गांव के समीप तालाब के किनारे बिटिया में से उपले लेने गई थी। इसी बीच तेंदुआ आया और अनीता को मुंह में दबोच कर ले गया लेकिन मां को कोई आवाज तक नहीं आई और वह उपले लेकर घर वापस आ गई। कुछ समय बाद मां ने देखा कि अनीता कहां है, तो उसने सोचा कि अनीता कहीं खेल रही होगी या किसी के घर चली गई होगी। काफी खोजबीन की पता नहीं चला। इसी बीच बारिश आ गई परिजन अपने अपने घरों में रात्रि में सो गए। मंगलवार सुबह से ही खोजबीन की गई तो गांव से एक किमी दूसरी दक्षिण दिशा में अल्लीपुर गांव के मास्टर गंगा सहाय के गेंहू खेत में मेढ़ पर सिर मिट्टी से दबा हुआ ग्रामीणों को मिला। मौके पर पहुंचे वन विभाग के डिप्टी रेंजर लल्लन ने ग्रामीणों से बात कर जांच पड़ताल की जिसमें ग्रामीणों ने बच्चे को बाघ द्वारा ले जाने की जानकारी दी लेकिन बच्चे का दूसरा हिस्सा कहीं भी बरामद नहीं हुआ। एक स्थान पर पंजे के निशान मिले मगर बारिश का पानी खेत में होने के कारण पंजों के तेंदुआ के होने की पुष्टि नहीं हो पाई। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेश कुमार सिर का पंचनामा भरवा कर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। इस घटना को लेकर ग्रामीण दहशत में हैं जबकि क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेश कुमार पाठक ने बताया है कि बच्ची को उठा कर ले जाने वाला कौन सा जानवर है, इसकी जानकारी की जा रही है।
सिर के पास मिला पायजामा
लतीफपुर धीर गांव में मासूम अनीता के सिर के पास ही उसका पायजामा, कच्छा व चप्पल भी मिला। ग्रामीणों को निश्चित तौर पर यह आभास हो गया था कि कोई जंगली जानवर उसे उठा कर ले गया। सैकड़ों की तादात में जब ग्रामीणों ने खोजबीन की। रास्ते में गांव के होरीलाल ने बताया कि एक जंगली जानवर जिसकी लम्बी पूछ व चितकबरे रंग का है दिखाई दिया। वह कुछ समझ पाते उसी के एक घंटे बाद उसी दिशा में अनीता का सिर गेहूं के खेत में मिटटी से दबा हुआ दिखाई दिया। डिप्टी रेंजर लल्लन ने होरीलाल जब जंगली जानवरों की बुकलेट दिखाई तो लंबी पूंछ और चितकबरे रंग तेंदुए पर उंगली रखी जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह तेंदुआ ही है परन्तु वन विभाग के कर्मचारी यह तय नहीं कर पा रहे है कि यह तेंदुआ ही है।
भोजन की तलाश में तो कहीं नहीं आ गया जानवर
लतीफपुर धीर गांव के गोविन्द कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे उठ कर शौच के लिये जा रहा था गांव से निकलते ही बिजली के पोल के पास कुत्ते के आकार का कोई जानवर बैठा था। मैंने उसे हट हट कहा तो वे रास्ते से हटा नहीं। लेकिन मैं दूसरे रास्ते से शौच के लिये चला गया। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि तेंदुआ इस गांव के समीप रविवार की रात्रि से ही अपने भोजन की तलाश में आ गया था।
सबसे छोटी थी अनीता
मृतक अनीता का सिर मिलने के बाद उसकी मां वीरवती अपने बच्चे के लिये रोते रोते बेहोश हो गई थी। जबकि उसके परिवार में तीन लड़के और दो लड़की थी। अनीता सबसे छोटी थी।
तीस दिसंबर को भी हुई थी एक घटना
गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के हकीमपुर गांव में 30 दिसम्बर को दिन में 11 बजे शेर सिंह का बेटा बीकेश ढाई वर्ष के लिये तेंदुआ जैसा दिखने वाला जानवर उठा कर ले गया था। बाद में वन विभाग की टीम ने जांच के बाद लकड़बग्गा बताया था। हकीमपुर के बाद लतीफपुर धीर गांव की दूरी तीन किमी के लगभग है और गंगा से चार किमी दूर है। जबकि गंगा की तलहटी में मड़कावली खिरकवाड़ी रामनगर ङ्क्षसघौला मैगरा ऐसे दर्जनों गांव हैं जहां के ग्रामीणों में दहशत होना स्वभाविक है।