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अब ऑगनबाड़ी केंद्रों पर बटेगा ड्राई फूड, शासन ने महिला समूहों को दी आपूर्ति की जिम्मेदारी

कोरोना संकट काल में महिलाओं की आय बढ़ाने के साथ ही उन्हें आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक नया कदम उठाया है। जिसके अंतर्गत कुपोषण से जंग जीतने के लिए पोषाहार वितरण में बदलाव किया है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 03:54 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 03:54 PM (IST)
अब ऑगनबाड़ी केंद्रों पर बटेगा ड्राई फूड, शासन ने महिला समूहों को दी आपूर्ति की जिम्मेदारी
अब ऑगनबाड़ी केंद्रों पर बटेगा ड्राई फूड, शासन ने महिला समूहों को दी आपूर्ति की जिम्मेदारी

सम्भल [मनमोहन वार्ष्णेय]। कोरोना संकट काल में महिलाओं की आय बढ़ाने के साथ ही उन्हें आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक नया कदम उठाया है। जिसके अंतर्गत कुपोषण से जंग जीतने के लिए पोषाहार वितरण में बदलाव किया है। अब आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व नौनिहालों के लिए पोषाहार की जगह ड्राई फूड ( सूखा राशन) वितरण किया जाएगा। जिसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े समूह की महिलाएं राशन की दुकान से सूखा राशन ( गेहूं चावल, दाल, दूध, घी) सामान उठाकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचाएंगी। जिससे उनकी आय बड़ने के साथ ही आत्म निर्भर बनने में सफलता मिलेगी(

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इस तरह काम करेंगे महिला समूह

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समूहों गेहू, चावल, राशन की दुकानों से मिलेंगे। घी व दूध पाउडर प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) से निर्धारित मानकों में मिलेेगा। दाल समूहों को खरीदनी पड़ेगी। इसके लिए हर महीने सरकार भुगतान करेगी। अनाज रखने के लिए समूहों को कंटेनर दिए जाएंगे। समूह पैकेट बनाकर केंद्र तक पहुंचाएंगे। हर गांव में एक समूह की नियुक्ति की जा रही है।

महिला समूह को इस तरह मिलेगा ड्राई फूड

महिला समूहों को हर महीने की चार तारीख को ड्राई राशन केंद्र पर पहुंचाना होगा। इसमें छह माह से छह साल के बच्चे के लिए एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं, पौन किलो दाल, 450 ग्राम देशी घी व 400 ग्राम दूध पाउडर मिलेगी। वहीं गर्भवती, धात्री महिला व किशोरियों के लिए एक किलो चावल, दो किलो गेहू, पौन किलो दाल, 450 ग्राम देशी घी व 750 ग्राम पाउडर मिलेगा। अतिकुपोषित बच्चे के लिए दूध व घी की मात्रा बढ़ जाएगी। घी व दूध तीन महीने में एक बार मिलेगा। चावल, दाल व गेहूं हर माह मिलेंगे।

क्या बोले अधिकारी

पुष्टाहार की जगह अब लाभार्थियों को ड्राई फूड बांटा जाएगा। वितरण के लिए महिला समूहों को चिहिन्त किया जा रहा है। लाभार्थियों से सबंधित डेटा एफसीआई को देने के लिए सूची तैयार कराई जा रही है। नई व्यवस्था से पारदर्शिता के साथ महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।-धर्मेंद्र कुमार मिश्र , जिला कार्यक्रम अधिकारी , सम्भल

फैक्ट फाइल

जनपद में गर्भवती महिलाएं पंजीकृत 55367 हैं

जनपद में 6 माह से 3 वर्ष तक के 1,10, 919 बच्चे हैं।

3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 1,01,776 है।

कुल 2,12,695 बच्चे पंजीकृत हैं।


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