अब शहरवासी भी गांवों में लगा सकेंगे उद्योग, मूल निवासी होने की अनिवार्यता हो गई खत्म Moradabad News
दूसरे प्रदेशों से आये मजदूरों को मिलेगा रोजगार आवेदकों का ऑनलाइन होगा चयन। पांच लाख के ऋण के लिए सौ में 50 और पांच लाख से अधिक के ऋण के लिए 60 नंबर पाना अनिवार्य।
मुरादाबाद,जेएनएन। दूसरे प्रदेशों से आये मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार सुलभ कराने के लिए अब शहरवासी भी गांव में उद्योग लगा सकेंगे। इसके लिए शासन ने गांव के मूल निवासी होने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत फ्लोर मिल, राईस मिल, मसाला उद्योग, आयल मिल समेत अन्य उद्योगों के लिए सभी जाति की महिलाओं को पूंजीगत ऋण (मशीनरी की खरीद) पर ब्याज नहीं देना होगा। सामान्य वर्ग के पुरुष को पूंजीगत ऋण पर चार फीसद ब्याज देना होगा। अन्य जाति के लोग अगर उद्योग लगाते हैं तो उनको भी ब्याज नहीं देना पड़ेगा।
जिले में 12 इकाई लगाने का मिला लक्ष्य
जिले में 12 इकाई लगाने का लक्ष्य मिला है। इसमें बैंकों द्वारा 60 लाख तक का ऋण स्वीकृत किया जाएगा। आवेदन की समय सीमा भी समाप्त कर दी गई है। चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य रहने तक कभी भी आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए आवेदक को साक्षात्कार नहीं देना होगा, सिर्फ लगाए गए प्रपत्रों पर मिले नंबर के आधार पर ही चयन होगा।
किस पर कितना मिलेगा अंक
उम्र 25-40 पर 6 नंबर, स्नातक की शिक्षा पर 4 नंबर, इंश्योरेंस पर 3, आरसेटी में प्रशिक्षण पर 5 नंबर मिलेगा। अगर कोई अपने घर पर लगाना चाहता है तो उस पर भी 5 नंबर मिलेंगे। आयकर रिटर्न दाखिल करने पर 2 नंबर मिलेगा। ऑनलाइन आवेदन करते समय ही आवेदक को पूरी जानकारी भरनी होगी। अगर आवेदनकर्ता का प्रपत्र 50 नंबर का है तो उसे पांच लाख और 60 नंबर से अधिक का है तो उसे दस लाख तक का ऋण मिलेगा।
प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए गांव में उद्योग लगाए जाएंगे। कोई भी नागरिक किसी भी गांव में इस योजना के तहत उद्योग लगाकर काम शुरू कर सकता है। इस साल 12 इकाई लगाने का लक्ष्य है, अभी तक चार लोगों ने आवेदन किया है। पांच लाख तक अधिकतर लोग ऋण लेते हैं, इसी को मानकर 60 लाख तक ऋण बैंकों को देना है।
मनोज कुमार गुप्ता, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी