परिवार संग ईद न मनाने का मलाल, घर जाने के इंतजार में प्रवासी मजदूर Moradabad News
गांधी पब्लिक स्कूल आश्रय स्थल में एक सप्ताह से रुके हैं पश्चिम बंगाल और झारखंड के 24 मजदूर। ईद पर लोगों को सता रही है अपने घर की याद।
मुरादाबाद,जेएनएन। पश्चिम बंगाल और झारखंड के प्रवासी मजदूरों को अपने परिवार संग ईद नहीं मना पाने का मलाल है। एक सप्ताह से गांधी पब्लिक स्कूल में रुके इन प्रवासी मजदूरों को घर जाने का इंतजार है। झारखंड के 19, पश्चिम बंगाल के पांच और जम्मू कश्मीर के तीन लोगों को यहां रखा गया है। शनिवार, 23 मई की रात को ही जम्मू के लोगों को यहां लाया गया है, बाकी सप्ताह भर से यहां ठहरे हैं। किसी तरह अपने घर जाने की उधेड़बुन में लगे इन मजदूरों को खाने और सोने की चिंता नहीं है।
बिहार के तीस लोगों को ट्रेन और यूपी के सात लोगों को बस से उनके घर भेजा गया है। 27 लोग अभी गांधी पब्लिक स्कूल में रुके हुए हैं।
गुजरात से सहारनपुर तक ट्रेन से आए। इसके बाद बस से यहां पहुंचे हैं। पश्चिम बंगाल जाना है। एक सप्ताह हो गया लेकिन, कोई गाड़ी नहीं मिली। अब तो परिवार संग ईद भी नहीं मना सकेंगे।
-श्वेताब अली, पश्चिम बंगाल
गुजरात से आए हैं, झारखंड जाना है लेकिन कोई गाड़ी नहीं है। खाने की परवाह नहीं है, मन में परिवार संग ईद मनाने की इच्छा थी लेकिन घर नहीं जा सके हैं। परिवार के लोग रोज फोन करके पूछते हैं कि घर कब तक आना है, कोई जवाब नहीं दे पाता।
-रमजान अली, साहबगंज, झारखंड
कोई परेशानी नहीं है, मन उदास है, परिवार संग ईद मनाने की इच्छा थी लेकिन लॉकडाउन हो गया। गुजरात से आए भी तो यहां पर एक सप्ताह से रुके हैं। अब परिवार संग ईद नहीं मना सकेंगे।
रिजाउल हक, मालदा, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए गाड़ी नहीं चलने के कारण ये लोग एक सप्ताह से रुके हैं। जैसे ही कोई व्यवस्था होगी, इनकों घर भिजवा दिया जाएगा।
-राजीव सक्सेना, प्रभारी गांधी पब्लिक स्कूल आश्रय स्थल।